तैयारी…
प्राकृतिक कृषि एवं डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन से सम्बंधित बैठक में सीएम ने दी जानकारी
प्राकृतिक कृषि उत्पाद की मार्केटिंग के लिए दो किसान उत्पादक संगठन का गठन होगा
नैनीताल। कॉर्बेट हलचल
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए आत्मनिर्भर प्राकृतिक किसान बोर्ड का गठन किया जाएगा। साथ ही बेहतर उत्पादन के लिए “गोवर्धन“ योजना को “प्राकृतिक कृषि योजना“के साथ एकीकृत किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह जानकारी गुरुवार को केंद्रीय सहकारिता मंत्री, अमित शाह की अध्यक्षता में प्राकृतिक कृषि एवं डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन से सम्बंधित बैठक में दी। इस बैठक में सीएम धामी ने नैनीताल क्लब से वर्चुअल प्रतिभाग किया।
परम्परागत कृषि के लिए उपयुक्त राज्य
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड प्राकृतिक दृष्टि से परम्परागत कृषि के लिए उपयुक्त राज्य है। यहां जैव विविधता के कारण जड़ी-बूटी और सुगन्धित पौध आदि के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं, जिसपर राज्य सरकार द्वारा कार्य किया जा रहा है व अधिक कार्य करने की आवश्यकता है।
प्राकृतिक खेती के प्रोत्साहन को 10 करोड़ का इंतजाम
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की कोशिश है कि जैविक कृषि करने वाले किसानों के लिए व्यापारिक संभावनाओं को बढ़ाया जाए। धामी ने कहा कि प्रदेश की कुल कृषि योग्य भूमि में से 34 प्रतिशत क्षेत्रफल को जैविक कृषि के अंतर्गत आच्छादित किया गया है।“आत्म निर्भर प्राकृतिक किसान योजना“ के तहत राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए इस वर्ष 10 करोड़ की प्राविधान किया गया है। इसके अतिरिक्त 5 करोड़ रुपए से प्राकृतिक कृषि नमामि गंगा कॉरिडोर शुरू कर रहा है। इस योजना से गंगा तट पर 5 किमी की परिधि में प्राकृतिक कृषि के लिए प्रोत्साहन दिया जायेगा।
कृषि विश्वविद्यालयों में प्राकृतिक कृषि पाठ्यक्रम
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक कृषि उत्पाद की मार्केटिंग के लिए 2 डेडिकेटेड एफ.पी.ओ (किसान उत्पादक संगठन)का गठन किया जा रहा है। यह सहकारिता विभाग द्वारा किया जायेगा। इसके साथ ही प्राकृतिक खेती के सभी पहलुओं को बढ़ावा देने के लिए “आत्म निर्भर प्राकृतिक किसान बोर्ड“ का गठन किया जा रहा है। बेहतर उत्पादन के लिए “गोवर्धन“ की योजना को “प्राकृतिक कृषि योजना“के साथ एकीकृत किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के दोनों कृषि विश्वविद्यालयों में प्राकृतिक कृषि पाठ्यक्रम भी शुरू किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में प्राकृतिक कृषि उत्पादों की मांग बढ़ रही है। राज्य सरकार का प्रयास है कि इसका अधिक से अधिक लाभ राज्य के किसानों को मिले।
यह लोग भी रहे मौजूद
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ विधायक सरिता आर्य, राम सिंह कैडा, जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया, जिला अध्यक्ष प्रदीप बिष्ट, डीआईजी कुमाऊं नीलेश आनन्द भरणे,जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल,एसएसपी पंकज भट्ट, मुख्य विकास अधिकारी डॉ0 संदीप तिवारी आदि अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम में कई राज्यों के मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री ने भी वर्चुअली प्रतिभाग किया।