Corbetthalchal ramanagar
शाइनिंग स्टार स्कूल, पीरुमदारा (रामनगर, उत्तराखंड) ने प्रतिष्ठित विप्रो अर्थियन राष्ट्रीय पुरस्कार 2025 जीता
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दिसम्बर 2025, विप्रो फाउंडेशन ने आज घोषणा की कि उत्तराखंड के रामनगर स्थित शाइनिंग स्टार स्कूल की टीम ने प्रतिष्ठित विप्रो अर्थियन नेशनल अवार्ड 2025 जीता है। देश भर के 18 राज्यों से 2000 से अधिक स्कूलों में आयोजित कठिन प्रतिस्पर्धा के बाद, स्कूल की इस टीम को सस्टेनेबिलिटी शिक्षा और कार्यों में उनकी असाधारण प्रतिबद्धता और नवाचार के लिए राष्ट्रीय स्तर पर चुना गया है।
शाइनिंग स्टार स्कूल लंबे समय से अपने स्कूल और आसपास के समुदायों में जैव विविधता और प्रकृति शिक्षा का अग्रणी रहा है। इस सफलता का श्रेय दल कि सदस्य राशि तिवारी, जागृत तिवारी, अंशिका नेगी और अंकिता राजवार की टीम तथा उनकी शिक्षिका सरिता नेगी को जाता है। टीम ने कचरा पृथक्करण को बढ़ावा देने, एकल-उपयोग प्लास्टिक के स्थान पर कपड़े और कागज के बैग के उपयोग को प्रोत्साहित करने और स्कूल तथा समुदाय के लिए कम्पोस्टिंग समाधान विकसित करके कचरा प्रबंधन के व्यावहारिक, क्रियान्वयन केंद्रित समाधान तैयार किए।
पिछले दो वर्षों से, स्कूल के 40 से अधिक छात्रों और शिक्षकों को नेचर साइंस इनिशिएटिव (NSI), देहरादून द्वारा ‘सस्टेनेबल लाइफस्टाइल्स प्रोग्राम’ के तहत मार्गदर्शन दिया जा रहा है। इन प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए, टीम ने हाल ही में आसपास के समुदायों में ईको-ब्रिकिंग, मासिक धर्म स्वास्थ्य विकल्प और सार्थक उपभोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने का काम किया है।
वहीं मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने विप्रो अर्थियन कार्यक्रम के अंतर्गत शाइनिंग स्टार स्कूल, रामनगर द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर प्राप्त सम्मान पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कचरा प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण एवं सतत जीवनशैली को शिक्षा के साथ व्यवहार में उतारने की इस पहल में विद्यालय के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों की सक्रिय सहभागिता उत्तराखण्ड की पर्यावरण-संवेदनशील एवं मूल्य आधारित शिक्षा प्रणाली को सशक्त बनाती है।
माननीय मुख्यमंत्री जी ने इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए शाइनिंग स्टार स्कूल, रामनगर के समस्त विद्यालय परिवार को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं तथा विश्वास व्यक्त किया कि यह सफलता राज्य के अन्य विद्यालयों के लिए भी प्रेरणादायी सिद्ध होगी और पर्यावरणीय चेतना के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
स्कूल के संस्थापक श्री डी.एस. नेगी ने इस उपलब्धि पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “इन कार्यक्रमो कि वास्तविक सफलता तभी है जब हम पाठ्यक्रम से बहार निकल कर वास्तविक दुनिया से बच्चों को जोड़ते हुए प्रकृति एवंम अपने आस पास के वाताबरण के प्रति संवेदनशील बनाए। यह पुरस्कार हमारे छात्रों और शिक्षकों के अथक प्रयास और इसी विश्वास का प्रमाण है।” टीम की सदस्य कृतिका राणा का मानना है कि, “सतत जीवन-शैली आधुनिक समाज के लिए एक स्वाभाविक गुण नहीं है, लेकिन यह एक आदत बन सकती है। हमारा प्रयास है कि इसे एक आदत बनाया जाए।”





