हल्द्वानी रेलवे अतिक्रमण मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिया दो महीने का समय

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हल्द्वानी रेलवे अतिक्रमण मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। पिछली सुनवाई 24 जुलाई को हुई थी, जब कोर्ट ने राज्य सरकार और रेलवे को प्रभावित लोगों के पुनर्वास और रेलवे की ज़मीन का विवरण पेश करने के निर्देश दिए थे। 

बुधवार को हुई सुनवाई में रेलवे और राज्य सरकार ने अदालत को सूचित किया कि दिशा-निर्देशों पर तेजी से काम चल रहा है और उन्हें पूरा करने के लिए दो महीने का समय चाहिए। प्रभावित लोगों की ओर से वकील कोलिन गोंजाल्वेज ने अदालत को बताया कि रेलवे स्टेशन के पास बन रही सुरक्षा दीवार लगभग पूरी हो चुकी है। इस दीवार के निर्माण से ऐसा लगता है कि अब किसी व्यक्ति या परिवार को हटाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। 

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वकील ने कोर्ट से सुरक्षा दीवार का वीडियो देखने की अपील की। खंडपीठ ने इस स्थिति को देखते हुए दो महीने का समय कॉन्क्रीट सल्यूशन के लिए प्रदान किया। प्रभावित पक्ष के वकील ने इस समय अवधि पर सहमति जताई। हालांकि, इस समय कोई लिखित आदेश प्राप्त नहीं हुआ है, जिससे अगली तारीख पर स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। 

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24 जुलाई को सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने बनभूलपुरा क्षेत्र के रेलवे लाइन के नजदीक अतिक्रमण के मामले में 4365 घरों को हटाने के मामले में प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए इंतजाम करने के निर्देश दिए थे और राज्य सरकार को पुनर्वास के लिए उपयुक्त भूमि चिन्हित करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को रेलवे प्रशासन और रेल मंत्रालय के साथ बैठक करने के लिए भी कहा था।