उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघवी बने

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चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमना के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के रूप में पांच न्यायाधीशों की पदोन्नति की सिफारिश की है। कॉलेजियम, जिसमें जस्टिस यूयू ललित और एएम खानविलकर भी शामिल थे, ने पांच उच्च न्यायालयों के लिए नए सीजे के रूप में नियुक्ति के लिए जस्टिस एए सैयद, रश्मीन मनहरभाई छाया, विपिन सांघी, उज्जवल भुइयां और एसएस शिंदे को चुना। सिफारिश के अनुसार, दिल्ली उच्च न्यायालय के कार्यवाहक चीफ जस्टिस विपिन सांघी को मुख्य न्यायाधीश के रूप में उत्तराखंड उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया जाएगा। 


सुप्रीम कोर्ट की कॉलिजियम की पसंद विपिन सांघवी का जन्म 27 अक्टूबर 1961 में महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ था। विपिन के जन्म के चार वर्ष बाद ही उनका परिवार नागपुर से दिल्ली शिफ्ट हो गया। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली पब्लिक स्कूल से 1980 में पूरी की। उन्होंने 1983 में दिल्ली विश्वविद्यालय से बीएससी करने के बाद 1986 लॉ में एडमिशन लिया और लॉ की डिग्री पूरी होने के बाद दिल्ली में वकालत शुरू की। न्यायाधीश विपिन सांघवी के परिवार में दादाजी वीके सांघवी और पिता वरिष्ठ अधिवक्ता जीएल सांघवी का वकालत के क्षेत्र में अच्छा नाम रह चुका हैं। न्यायाधीश विपिन, सुप्रीम कोर्ट में यूनियन ऑफ इंडिया के लिए पैनल में रह चुके हैं। विपिन सांघवी को दिल्ली उच्च न्यायालय में 2005 में वरिष्ठ अधिवक्ता की उपाधि दी गई। उन्होंने, ऑस्ट्रेलिया, जापान, गोल्ड कोस्ट, होंग कॉन्ग, श्रीलंका समेत विश्व स्तर पर विधि संबंधी कई सैमिनार में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। मई 2006 में उनकी दिल्ली उच्च न्यायालय में एडिशनल जज के रूप में पहली बार नियुक्ति हुई थी और फरवरी 2008 में स्थायी जज बने थे। अब दिल्ली के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश(ए.सी.जे.) के रूप में काम करने के बाद न्यायाधीश विपिन सांघवी का तबादला उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में हुआ है।

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