रामनगर-पद्मश्री से नवाजे गए मैती आंदोलन के प्रणेता कल्याण सिंह रावत का हुआ स्वागत।

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रामनगर-पद्मश्री से नवाजे गए मैती आंदोलन के प्रणेता कल्याण सिंह रावत का कल्पतरु वृक्षमित्र समिति के तत्वावधान में नागरिक अभिनंदन किया गया। रामनगर के विभिन्न संगठनों और सामाजिक सरोकारों, पर्यावरण संरक्षण से जुड़े लोगों ने मैती जी का अभिनंदन किया।
पहाड़ों में मैती अभियान के तहत पाँच लाख से अधिक पेड़ लगाने और ग्वालदम से ‘मैती आंदोलन’ को शुरू कर देश विदेश तक पहुंचाने वाले कल्याण सिंह पेशे से शिक्षक रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पुरस्कार के लिए उन्होंने कभी भी हाथ नहीं बढ़ाया और केवल काम ही करते रहे।भारत सरकार तक कभी एक कागज तक नहीं भेजा। अगर ऐसा होता तो शिक्षक के रुप में रिटायर होने तक कोई न कोई विभाग से पुरस्कार मिल ही जाता। बाजार में घूमते वक्त मुझे फ़ोन पर पद्मश्री मिलने की सूचना मिली थी। टीवी पर लिस्ट में नाम देखकर यकीन आया कि पुरस्कार मिलने वाला है। जो काम करते है उन्हें कभी न कभी फल जरूर मिलता है। उन्होंने कहा कि ग्वालदम से मैती का विचार कौंधा था। बेटी के ससुराल जाने के समय वो पेड़ लगाएगी और माँ उसे ज़िंदा रखेगी। माँ और बेटी के प्यार का प्रतीक होते है ये लगाए गए पेड़ और उनके लगाव का गांव हरा भरा होगा और पेड़ों से छाया, फल, चारा, पानी के स्रोत मिलेगा। हिमालय में ग्लेशियर पिघलने से कई तालाब बन गए है। नई पीढ़ी के हाथ से मोबाइल ढीला करना पड़ेगा। उन्हें कृषि यंत्र देने होंगे। बच्चा पैदा होते ही ऑक्सीजन मांगेगा। हम पेड़ लगाकर आने वाले बच्चों के लिए उपहार तैयार कर रहे है।

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5 लाख से अधिक पेड़ लग चुके है। कई प्रदेश इसे अपना चुके है और प्रधानमंत्री भी अभियान को सराह चुके है। काम का श्रेय जरूर मिलता है। संचालन कल्पतरु सचिव मितेश्वर आनंद ने किया। इस दौरान पायनियर्स क्लब के संतोष मेहरोत्रा, मदन बिष्ट, यशपाल रावत, संजय नेगी, शेर सिंह लटवाल, डॉ नितिन ढोमने, डॉ हरेंद्र बरगली, हरि मान, रितेश भट्ट, मनिंदर सेठी, व्यापार मंडल अध्यक्ष मनमोहन अग्रवाल, नवेन्दु मठपाल, तेजेश्वर घुघत्याल, एडवोकेट पूरन पांडे समेत अनेक संगठनों के लोग मौजूद रहे।

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