देहरादून – केन्द्रीय एमएसमई मंत्री श्री नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री बी.एस. येदयुरप्पा, मेघालय के मुख्यमंत्री श्री के. संगमा, पंजाब के शिक्षा मंत्री श्री विजय इन्द्र सिंगला ने ग्लोबल एलायन्स फाॅर मास एन्टरप्रिन्योरशिप की नेशनल टास्क फोर्स की रिपोर्ट का वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से विमोचन किया।
केन्द्रीय एमएसमई मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा कि कोविड 19 के दृष्टिगत अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए हमें एमएसमई के क्षेत्र में तेजी से कार्य करने होंगे। एमसएमई ऐसा क्षेत्र है, जिसमें रोजगार सृजन के साथ ही अर्थव्यवस्था में तेजी से प्रगति की जा सकती है। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है कि हम किन क्षेत्रों में अपनी स्ट्रेन्थ को और मजबूत कर सकते हैं। राज्यों की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार उनमें कुछ विशिष्टताएं हैं। एग्रो एमएमई, हेण्डलूम, हेन्डीक्राफ्ट के क्षेत्र में अनेक राज्यों में कार्यों की प्रबल संभावनाएं हैं।
केन्द्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरीने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में एमएसमई क्षेत्र में अनेक कार्य किये जा सकते हैं, हमें उद्योगों को बढ़ावा देने के साथ ही राज्यों में औद्योगिक स्थापना के लिए प्रक्रियाओं के सरलीकरण की ओर ध्यान देने की जरूरत है। कोविड 19 के दृष्टिगत पीपीई किट, सेनिटाईजर एवं अन्य उपयोगी उत्पादों को एमएसमई के माध्यम से बढ़ावा दिया जा सकता है। लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम क्षेत्र के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए दूरस्थ क्षेत्रों तक इन गतिविधियों को बढ़ाना जरूरी है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि एमएसएमई देश की अर्थव्यवस्था विशेषकर उत्तराखण्ड जैसे राज्यों में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने और आर्थिक विकास के लिए के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। कोविड-19 से पूरा विश्व प्रभावित हुआ है। व्यापार करने और काम करने के तरीकों में बदलाव आया है। लाॅकडाउन में प्रभावित उद्योगों को पुनः संचालित करने के लिए आत्मनिर्भर पैकेज में एमएसएमई सेक्टर पर विशेष ध्यान दिया गया है। एमएसएमई ही ऐसा क्षेत्र है जहां रोजगार के अवसर बड़े पैमाने पर सृजित किए जा सकते हैं और अर्थव्यवस्था में तेजी लाई जा सकती है।
आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत एमएसएमई के लिए लागू इमरजेंसी क्रेडिट लाईन गारंटी स्कीम का लाभ पात्र इकाईयों को पहुंचाने के लिए राज्य सरकार एसएलबीसी, बैंकों और औद्योगिक संगठनों के साथ मिलकर कार्य कर रही है। इस योजना में उत्तराखण्ड राज्य में 34671 पात्र खातों में 1835 करोड़ रूपए की स्वीकृति और 1067 करोड़ का वितरण यिका जा चुका है। इस योजना के क्रियान्वयन में उत्तराखण्ड राज्य की परफोरमेंस सर्वश्रेष्ठ राज्यों में है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए लगातार सुधार कर रहे हैं। ईज आॅफ डूईंग बिजनेस के लिए सतत क्रियाशील हैं। सिंगल विंडो सिस्टम का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में उत्तराखण्ड राज्य देश में लगातार अच्छी उपलब्धि अर्जित कर रहा है। कोविड-19 की परिस्थितियों में युवाओं और बाहर से घर लौटे प्रवासियों के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना प्रारम्भ की है। इस योजना में विनिर्माण और सेवा के साथ ही व्यवसाय और एलाईड एग्रो गतिविधियों को भी शामिल किया गया है। जिला स्तर पर भी जिला स्वरोजगार प्रोत्साहन एवं अनुश्रवण समिति गठित की गई हैं। ग्रामीण और पर्वतीय क्षेत्रों में उद्यमियों को उद्यम स्थापना के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं में सहयोग, तकनीकी ज्ञान आधारित उद्यमों की स्थापना और स्थानीय स्तर पर स्केलेबल बिजनेस माॅडल चिह्नित करने, मूल्य संवर्द्धन, पैकेजिंग और विपणन में सहयोग के लिए 2 रूरल बिजनेस इन्क्यृबेटर स्थापित किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने ग्लोबल एलायन्स फाॅर मास एन्टरप्रिन्योरशिप के उत्तराखण्ड में उद्यमिता विकास के लिए ईको सिस्टम विकसित करने के लिए दिए गए प्रस्ताव पर सहमति देते हुए कहा कि राज्य में निवेश के प्रोत्साहन के लिए सुनियोजित तरीके से काम किया जा रहा है। मेडिकल डिवाईसेस पार्क, फार्मा सिटी, अरोमा पार्क आदि के लिए सिडकुल के माध्यम से काम किया जा रहा है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्रीमती मनीषा पंवार, मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार श्री रविन्द्र दत्त, आर्थिक सलाहकार श्री आलोक भट्ट, निदेशक उद्योग श्री सुधीर चन्द्र नौटियाल आदि उपस्थित थे।