रामनगर – अम्बेडकर जयंती के अवसर पर आज रचनात्मक शिक्षक मण्डल की पहल पर स्कूली बच्चों के लिए चुकम व कानिया में अम्बेडकर स्मृति पुस्तकालय ख़ोले गए।पटरानी में पूर्व से चल रहे अम्बेडकर पुस्तकालय के बच्चों के लिए ब्राइट कम्प्यूटर्स के विनोद जोशी के सहयोग से एक कम्प्यूटर दिया गया।गोजानी में उपस्थित प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए शिक्षक मण्डल के संयोजक नवेंदु मठपाल ने कहा भीमराव अंबेडकर (14 अप्रैल 1891- 06 दिसंबर 1956) को देश में संविधान निर्माता और दलित समुदाय के नेता के तौर पर याद किया जाता है. बहुदा यह कोशिश होती है कि उन्हें जाति के खास खांचे में फिट करके सीमित कर दिया जाये. लेकिन यदि अंबेडकर के सम्पूर्ण राजनीतिक जीवन,लेखन और वक्तव्यों को देखें तो पाएंगे कि वे जाति विशेष नहीं बल्कि उत्पीड़ित जन गण के सरोकार वाले नेता,चिंतक,नियोजक थे. जो भी मेहनतकश था,वंचित था,उत्पीड़ित था,अंबेडकर उसके पक्ष में खड़े थे. हालांकि यह भी सच है कि अंबेडकर दलित परिवार में जन्में और भरपूर श्रम करने के बावजूद वंचना और उत्पीड़न भी दलितों के हिस्से में ही सर्वाधिक आया,इस लिए उस तबके की लड़ाई अंबेडकर आजीवन लड़ते रहे. लेकिन दलितों के साथ ही मजदूर,किसान,महिलाएं उनके राजनीतिक चिंतन और कार्यवाहियों का अंग बने रहे.चुकम व कानिया में ख़ोले गए पुस्तकालयों में बच्चों के लिए नेशनल बुक ट्रस्ट समेत अन्य प्रकाशकों की जीवनोपयोगी पुस्तकें बच्चों के लिए उपलब्ध कराई गई हैं।इस मौके पर जिला पंचायत सदस्य किशोरी लाल, सैयद सरदार हुसैन रिजवी,पुनीत कुमार माथुर,विद्यासागर शीशपाल नेगी ,पुष्कर गिरी,प्रमोद बोरा,विजय कुमार,बालकृष्ण चंद,सुभाष गोला,नन्दराम आर्य,कामाक्षा रावत, योगेंद्र नेगी,बबिता रावत,जगदीश चन्द्र मौजूद रहे।


