रामनगर – तीन कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग को लेकर गठित किसान संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर किसान संघर्ष समिति व किसान संघ के नेतृत्व में किसानों तथा राजनीतिक समाजिक दलों के नेता एवं कार्यकर्ताओं ने रामनगर तहसील पर धरना-प्रदर्शन किया।
इस दौरान उपजिलाअधिकारी रामनगर के माध्यम से देश के, राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री को ज्ञापन भी प्रेषित किया।
ज्ञापन में किसानों ने मांग की है कि सरकार कृषि से संबंधित तीनों काले कानून रद्द करे, किसानों के 10 लाख रुपये तक के कर्ज माफ किए जाएँ, किसानों के लिए खाद, बीज, बिजली, कृषि दवाएँ व उपकरणों के दाम सस्ते किए जायें, सभी कृषि उत्पादों की सरकारी खरीद सुनिश्चित की जाए, जंगली जानवरों से फसलों, मवेशियों व इंसानों को सुरक्षा दी जाए तथा किसानों के पिछले 50 दिनों से रुके हुए धान का भुगतान तत्काल कराया जाए।
धरना स्थल पर हुई सभा को संबोधित करते हुए ललित उप्रेती ने कहा कि मोदी सरकार अडानी अम्बानी जैसे कॉर्पोरेट घरानों तथा बहुराष्ट्रीय निगमों को काला बाजारी एवं जमाखोरी की खुली छूट देने व उनका कृषि पर आधिपत्य स्थापित करने के लिए, तीन कृषि कानून लेकर आई है। उन्होंने कहा कि देश के सभी किसानों व जागरूक नागरिकों को अडानी-अंबानी के व्यवसायिक संस्थानों पर धरना-प्रदर्शन करना चाहिए तथा उनका बहिष्कार करना चाहिए।
किसान संघ के अध्यक्ष दीवान कटारिया ने धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम में भागीदारी करने वाले सभी राजनीतिक, सामाजिक कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए किसानों के संघर्ष को तेज करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि देश के किसान तीनों कृषि कानूनों में किसी भी प्रकार का संशोधन नहीँ चाहते हैं। उन्होंने कहा, हमारी मांग है कि सरकार तीनों काले कानून तत्काल रद्द करे तथा किसानों की खेती किसानी से जुड़ी हुई समस्याओं को हल करे।
धरना स्थल पर आयोजित सभा को जगतार सिंह, महेश जोशी, इंद्र सिंह मनराल, ललिता रावत, दिनेश लोहनी, रंजीत रावत, दिगम्बर बवाड़ी, अब्दुल गफ्फार, विनोद अनजान, पंकज कुमार, चंदन, कुमार, शीला शर्मा, मुनीष कुमार, लालमणि आदि ने संबोधित किया।


