उत्तराखंड: अवैध मदरसों के खिलाफ प्रशासन की सख्त कार्रवाई

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उत्तराखंड में अवैध मदरसों के खिलाफ प्रशासन ने सख्त कदम उठाना शुरू कर दिया है। हाल ही में कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र के ग्रास्टनगंज में एक मदरसा बिना पंजीकरण के संचालित होता पाया गया, जिसे प्रशासन ने सील कर दिया। उपजिलाधिकारी सोहन सिंह सैनी के नेतृत्व में शिक्षा विभाग और पुलिस की टीम ने मदरसे में पहुंचकर दस्तावेजों की जांच की, जहां यह स्पष्ट हुआ कि मदरसा बिना किसी मान्यता के चल रहा था। इस गंभीर उल्लंघन के कारण उसे तुरंत प्रभाव से सील कर दिया गया।

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उपजिलाधिकारी ने बताया कि यह मदरसा पंजीकरण के बिना ही चल रहा था, और यह शासन के निर्देशों का उल्लंघन था। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि अब क्षेत्र में संचालित अन्य मदरसों की भी जांच की जाएगी और जिनका पंजीकरण नहीं होगा, उन्हें सील कर दिया जाएगा। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि शासन द्वारा पहले ही निर्देश दिए गए थे कि सभी मदरसों का पंजीकरण होना चाहिए, और उन्हें जरूरी सुविधाएं भी प्रदान की जानी चाहिए।

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एसडीएम की छापेमारी के दौरान मदरसे में 18 से 19 बच्चे पढ़ते हुए मिले, जो पंजीकरण के अभाव में शिक्षा प्राप्त कर रहे थे। प्रशासन की इस कार्रवाई से साफ है कि उत्तराखंड में अवैध मदरसों के खिलाफ अब कड़ी कार्रवाई की जा रही है।

यह कार्रवाई हाल ही में खटीमा और विकासनगर में भी हुई थी, जहां कई मदरसों को सील किया गया। उधम सिंह नगर के खटीमा में 9 और सहसपुर थाना क्षेत्र में 12 मदरसे बिना पंजीकरण के चल रहे थे, जिन्हें प्रशासन ने सील किया। इन कार्रवाइयों के दौरान भारी पुलिस बल तैनात था, जिससे यह संदेश साफ है कि राज्य में अब अवैध मदरसों के खिलाफ कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा।