देहरादून/जोशीमठ। कॉर्बेट हलचल
भारतीय सेना की डिजिटल पैटर्न कॉम्बैट ड्रेस (लड़ाकू वर्दी) अब बाजार में नहीं बेची जा सकेगी। इसे शौक के लिए सिविलियन भी नहीं पहन सकेंगे। इसके लिए भारतीय सेना के जवान इन दिनों उत्तराखंड के बाजारों में जागरूकता अभियान चला रहे हैं।
लड़ाकू वर्दी के लिए सिर्फ सेवाकर्मी अधिकृत
भारतीय सेना ने डिजिटल पैटर्न कॉम्बैट ड्रेस के संबंध में 25 से 27 सितंबर, 2022 के बीच देहरादून के गढ़ी, डकरा बाजार और पलटन बाजार क्षेत्रों और उत्तराखंड के जोशीमठ में जागरूकता अभियान चलाया। सेना द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार डिजिटल पैटर्न कॉम्बैट ड्रेस केवल सेवा कर्मियों के लिए अधिकृत है। सेवारत संवर्ग से बाहर के किसी व्यक्ति द्वारा ऐसी वर्दी पहनना अनधिकृत है।
दुकानदारों से ऐसी वर्दी ना बेचने का आह्वान
इसके लिए भारतीय सेना के जवानों और स्थानीय पुलिस सहित टीम ने दुकानदारों से अनधिकृत व्यक्तियों को किसी भी पैटर्न की लड़ाकू वर्दी नहीं बेचने का आह्वान किया। सेना की टीम ने दुकानों का दौरा किया और मालिकों को वर्दी से संबंधित दिशा-निर्देशों से अवगत कराया। गौरतलब है कि डिजिटल पैटर्न कॉम्बैट ड्रेस का अनावरण जनवरी, 2022 में किया गया था।