रामनगर-जिला पंचायत अध्यक्षों की तर्ज पर ग्राम प्रधान एवं ब्लॉक प्रमुखों को भी प्रशासक बनाये जाने की मांग को लेकर सोमवार को पंचायत प्रतिनिधियों ने ब्लॉक मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। पूर्व ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी के नेतृत्व में ब्लॉक मुख्यालय पर धरने के दौरान पंचायत प्रतिनिधियों ने सरकार पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तराखण्ड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन एक वर्ष से त्रिस्तरीय पंचायत का कार्यकाल बढ़ाये जाने को लेकर आंदोलनरत है।
लेकिन सरकार इस मांग की अनसुनी करते हुए अब दोहरी नीति अपनाते हुए जिला पंचायत अध्यक्षों को तो प्रशासक बना दिया है। लेकिन प्रदेश के 520 जिला पंचायत सदस्यों, 95 क्षेत्र पंचायत प्रमुखों एवं 7,791 ग्राम प्रधानों के साथ सौतेला व्यवहार करते हुए उन्हें निराश कर दिया है। “एक देश, एक विधान, एक निशान” का सिद्धांत मानने वाली भाजपा सरकार एक पंचायत में दो विधान लागू कर अपने ही सिद्धांतों का माखौल उड़ा रही है। राज्य सरकार अध्यादेश लाकर या पंचायती राज एक्ट में संशोधन कर इस सौतेले व्यवहार की प्रथा को समाप्त कर जिला पंचायत अध्यक्षों की तर्ज पर ग्राम प्रधान, ब्लॉक प्रमुखों एवं जिला पंचायत सदस्यों को भी उनके क्षेत्र का प्रशासक नियुक्त करें।
अन्यथा प्रदेश के सभी पंचायत के जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ब्लॉक प्रमुख, ग्राम प्रधान मिलकर पांच दिसंबर को मुख्यमंत्री आवास कूच करने को मजबूर होंगे। इस दौरान मंजू नेगी, नवीन सती, मीना आर्या, मिथिलेश डंगवाल, बब्लू चौधरी, महावीर रावत, सुरेंद्र सिंह, हेमा बिष्ट, नीतू आर्य सहित कई लोग मौजूद रहे।