ब्रेकिंग-उपपा नेता जगदीश चंद्र की निर्मम हत्या से ग्रामीणों में भारी रोष,श्रद्धांजलि सभा में छलका ग्रामीणों का दर्द एवं आक्रोश।

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श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे विधायक -सांसद प्रतिनिधि को झेलना पड़ा ग्रामीणों का आक्रोश।

-सरकार,मुख्यमंत्री, अल्मोड़ा सांसद ,विधायक पर लगाया संवेदनहीनता का आरोप, मिलना, दिलासा देना तो छोड़ निंदा तक नहीं करने पर प्रकट की नाराजगी।

सवर्ण युवती से विवाह की वजह से अपहरण कर निर्दयता से मौत के घाट उतारे गए उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के युवा नेता जगदीश चंद्र को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके गांव पनुवाद्योखन के पंचायत भवन में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में ग्रामवासियों का दर्द छलक उठा।

लोगों में इस बात को लेकर भी आक्रोश है कि आजादी के 75 साल बाद भी उनके साथ अछूतों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। उनके विधायक महेश जीना, सांसद अजय टम्टा अभी तक पीड़ित परिवार से मिलने नहीं आये, ना ही संवेदना के दो शब्द उनके मुंह से निकले और ना ही इस घटना की सार्वजनिक निंदा की।

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पंचायत घर मे उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के लालमणि के संचालन मे संपन्न श्रद्धांजलि सभा में ग्राम प्रधान बीरबल, क्षेत्र पंचायत सदस्य खीमाराम, गांव की महिला धना देवी, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी, उपाध्यक्ष प्रभात ध्यानी, समाजवादी लोक मंच के मनीष कुमार ,इंकलाबी मजदूर केंद्र के रोहित, उत्तराखंड सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष इस्लाम हुसैन ,एडवोकेट जेसी आर्य, एडवोकेट ललित मोहन, पौड़ी गढ़वाल से आए नरेश कुमार नौटियाल, आनंदी वर्मा ,पनीराम ,किरन आर्य ने श्रद्धांजलि दिवंगत जगदीश को श्रद्धांजलि देते हुए उसकी निर्मम हत्या के लिए जातिवाद , मनुवाद से ग्रसित व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया।

श्रद्धांजलि सभा में वक्ताओं में एवं उपस्थित लोगों में इस बात को लेकर भारी आक्रोश था कि अल्मोड़ा प्रशासन ने जब नव दंपति ने सुरक्षा मांगी तो सुरक्षा नहीं दी गई और लेकिन हत्या के बाद उसके दाह संस्कार एवं श्रद्धांजलि सभा में सैकड़ों पुलिसकर्मियों अधिकारियों को लगाकर यह साबित कर दिया कि उत्तराखंड सरकार ,अल्मोड़ा प्रशासन के पास जिंदा इंसानों की सुरक्षा के लिए पुलिस बल नहीं है।

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श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे भाजपा नेताओं विधायक सांसद प्रतिनिधि को भी ग्रामीणों का आक्रोश झेलना पड़ा ग्रामीणों ने उन्हें खरी खोटी सुनाई।श्रद्धांजलि सभा में वक्ताओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर संवेदनशीलता का आरोप लगाते हुए इस्तीफा देने की मांग की वहीं अल्मोड़ा प्रशासन पर आरोप लगाया कि वह मामले को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है।

अल्मोड़ा पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि हत्यारों की पुलिस द्वारा रिमांड नहीं ली गई, हत्या में शामिल सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है। अल्मोड़ा पुलिस द्वारा घटना के एकमात्र गवाह के साथ सही व्यवहार नहीं किया जा रहा है और ना ही उसे सुरक्षा दी जा रही है।

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श्रद्धांजलि सभा में दिवंगत जगदीश को एवं उसके परिवार को न्याय दिलाने, पत्नी गीता एवं बहन को नौकरी,एक करोड़ का मुआवजा, डीएम अल्मोड़ा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई। दिवंगत जगदीश को 2 मिनट की श्रद्धांजलि देने के बाद हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि यदि प्रशासन प्रशासन द्वारा मांगों पर मांगो का गंभीरता से संज्ञान नहीं लिया गया तो 11 सितंबर को भिकियासैंण में प्रदर्शन किया जाएगा।

श्रृद्धांजलि सभा में दिवंगत जगदीश की बहन, भाई के अलावा बड़ी संख्या में ग्रामीण एवं जन संगठनों की लोग उपस्थित थे।

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