देहरादून। कॉर्बेट हलचल
राजभवन अब विश्वविद्यालयों में नियुक्त होने वाले कुलपतियों को पद एवं सत्यनिष्ठा की शपथ दिलाएगा। देश में अभी कहीं भी विश्वविद्यालय के कुलपति को राजभवन में शपथ दिलाने की परंपरा नहीं है। उत्तराखंड ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य होगा।
सोमवार को राजभवन में राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.) ने कहा कि विश्वविद्यालयों को शिक्षा व्यवस्था विद्यार्थी केंद्रित करने का प्रयास करना चाहिए। छात्रों का सर्वांगीण विकास एवं शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हमारा लक्ष्य होना चाहिए।
स्वायत्तता, पारदर्शिता, जवाबदेही पर जोर
बैठक में राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों को स्वायत्तता, पारदर्शिता के साथ जवाबदेही पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। कहा कि विश्वविद्यालय नियुक्तियों एवं कार्य परिषदों की बैठकों में पूरी पारदर्शिता बरतें। सभी विश्वविद्यालय अपनी उपलब्धियों, बेस्ट प्रैक्टिस आदि की मासिक रिपोर्ट राजभवन को भेजना तय करें।
कुलपति स्तर पर ही खोजें समाधान
विश्वविद्यालय में आंतरिक समस्याओं के समाधान कुलपति स्तर पर ही खोजे जाएं और विश्वविद्यालयों में सहयोगपूर्ण वातावरण बढ़ाया जाए। उन्होंने सभी कुलपतियों से कहा कि विश्वविद्यालय के लिए सीएसआर और एल्युमनाई स्कॉलरशिप की संभावनाओं की तलाश करें।
राज्यपाल करेंगे विश्वविद्यालयों का भ्रमण
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों की कार्यप्रणाली को जानने के लिए वह स्वयं विश्वविद्यालयों का भ्रमण करेंगे। बैठक में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने अपने विश्वविद्यालय की संबद्धता के मामलों, विभिन्न नियुक्तियों में पारदर्शिता, वर्षा जल संरक्षण, ई-ऑफिस, स्वच्छता अभियान सहित अन्य कार्यों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई।
बैठक में मौजूद अधिकारी
बैठक में सचिव राज्यपाल डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, सचिव रविनाथ रामन, सचिव डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम, सचिव डॉ.पंकज कुमार पांडेय, सचिव(प्रभारी) डॉ.आर राजेश कुमार, विधि परामर्शी राज्यपाल अमित कुमार सिरोही, अपर सचिव स्वाती एस.भदौरिया, कुलपति उत्तराखंड मुक्त विवि डॉ.ओपीएस नेगी, कुलपति श्रीदेव सुमन विवि डॉ. पीपी. ध्यानी, कुलपति जीबीपंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि डॉ. मनमोहन चौहान, कुलपति उत्तराखंड तकनीकी विवि प्रो.ओमकार सिंह, कुलपति आयुर्वेदिक विवि प्रो. सुनील कुमार जोशी, कुलपति उत्तराखंड संस्कृत विवि प्रो. दिनेश चंद्र शास्त्री, कुलपति चिकित्सा शिक्षा विवि प्रो.हेमचन्द्र, कुलपति कुमाऊं विवि डॉ.एनके जोशी आदि उपस्थित रहे।