उत्तराखंड में मौसम के अचानक बदले मिजाज ने आम लोगों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। मैदानी इलाकों में बिना बारिश के कड़ाके की ठंड पड़ने से लोगों के मन में सवाल उठने लगे कि आखिर इतनी तेज ठंड कैसे बढ़ गई। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश से होकर आए पश्चिमी विक्षोभ की सर्द हवाएं उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों तक पहुंच गईं, जिससे केवल कोहरे के कारण शीत दिवस जैसी स्थिति बन गई।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक सीएस तोमर ने बताया कि अब तक कोहरे का असर हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिले के सीमित इलाकों तक ही था, लेकिन शनिवार को पश्चिमी विक्षोभ के साथ आई हवाओं में नमी देखी गई। इसके कारण तापमान में तेज गिरावट दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि यह हवाएं बारिश और बर्फबारी के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनाती हैं, जिससे ठंड अचानक बढ़ जाती है।
उन्होंने बताया कि 21 दिसंबर को प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश की संभावना है। हालांकि, हाल के दिनों में बारिश और बर्फबारी न होने का कारण जलवायु परिवर्तन और मौसम के बदले हुए पैटर्न को बताया गया है। उनके अनुसार, बर्फबारी के लिए पहले बारिश का होना जरूरी है, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में वर्षा की कमी देखी जा रही है।
मौसम विभाग के अनुसार, 22 दिसंबर तक उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जिलों के कुछ इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है। इसके साथ ही 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के भी आसार हैं। वहीं 23 से 26 दिसंबर तक प्रदेशभर में मौसम शुष्क बना रहेगा। मौसम वैज्ञानिकों ने लोगों को ठंड को देखते हुए सावधानी बरतने और आवश्यक सतर्कता अपनाने की सलाह दी है।




