उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार दोपहर बादल फटने से भारी तबाही मच गई। खीरगंगा नदी में अचानक जलस्तर बढ़ने और मलबे के तेज बहाव से कई घर, दुकानें, होटल और होम स्टे क्षतिग्रस्त हो गए। प्रशासन ने अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि की है, जबकि कई अन्य लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।
स्थानीय समयानुसार करीब डेढ़ बजे हुई इस आपदा में नदी का पानी मलबे के साथ इतनी तेज़ी से गांव में घुसा कि लोगों को संभलने तक का मौका नहीं मिला। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, घटना में करीब 20 से 25 होटल और कई निजी वाहन भी बाढ़ की चपेट में आ गए। इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में पर्यटक और चारधाम यात्रा पर आए श्रद्धालु ठहरे हुए थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए सभी राहत एवं बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर संचालित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आंध्र प्रदेश का अपना दौरा रद्द कर देहरादून लौटकर स्थिति की लगातार निगरानी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री लगातार वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारी से संपर्क में हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री धामी से फोन पर बात कर स्थिति की जानकारी ली। गृह मंत्री ने एनडीआरएफ और अन्य राहत एजेंसियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। केंद्र सरकार ने हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।
इस समय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी और स्थानीय प्रशासन की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। मलबे में फंसे लोगों को निकालने का प्रयास जारी है, वहीं प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
घटना ने एक बार फिर प्रदेश में बढ़ती प्राकृतिक आपदाओं और आपदा प्रबंधन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि बदलते मौसम और अनियोजित विकास इन घटनाओं की तीव्रता को बढ़ा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रभावितों को हर संभव सहायता देने का भरोसा दिलाया है और सभी नागरिकों से अपील की है कि वे मौसम की चेतावनियों का पालन करें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का गंभीरता से पालन करें।


