हल्द्वानी में पूर्व अर्द्धसैनिक सम्मेलन : मुख्यमंत्री धामी ने लगाई घोषणाओं की झड़ी

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हल्द्वानी स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल कैंप मुख्यालय में आयोजित पूर्व अर्द्धसैनिक बलों के सम्मेलन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व सैनिकों, वीर नारियों और उनके परिजनों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा में अर्द्धसैनिक बलों के जवानों का योगदान अद्वितीय रहा है और तिरंगे की शान को ऊँचा रखने में उनकी भूमिका अविस्मरणीय है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिक कभी ‘भूतपूर्व’ नहीं होता, वह जीवनभर सैनिक ही रहता है। स्वयं को सैनिक परिवार से बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार का दायित्व है कि किसी भी शहीद परिवार को कठिनाई न हो। उन्होंने जानकारी दी कि राज्य सरकार ने अर्द्धसैनिक बलों और शहीदों के आश्रितों की अनुग्रह राशि 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दी है, और वीरता चक्रों से अलंकृत वीरों की पुरस्कार राशि में भी उल्लेखनीय वृद्धि की गई है।

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उन्होंने बताया कि शहीद स्मारकों और शहीद द्वार के निर्माण कार्य तेजी से प्रगति पर हैं तथा इस वर्ष 10 नए स्मारकों को स्वीकृति दी गई है। शहीद परिवारों के एक सदस्य को सरकारी सेवा में समायोजित करने की व्यवस्था लागू की गई है।

देश की सुरक्षा नीतियों पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सेना का आधुनिकीकरण तेज हुआ है और भारत रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनकर अन्य देशों को हथियार निर्यात कर रहा है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने स्वदेशी हथियारों की शक्ति को विश्व मंच पर सिद्ध किया है।

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राज्य की आंतरिक सुरक्षा और सामाजिक मुद्दों पर उन्होंने कहा कि अवैध बसावट, लैंड जिहाद और अवैध गतिविधियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई जारी है। 10 हजार एकड़ से अधिक सरकारी भूमि कब्जामुक्त कराई गई है और 550 से अधिक अवैध संरचनाएँ हटाई गई हैं। राज्य में समान नागरिक संहिता, कड़ा धर्मांतरण विरोधी कानून, दंगा-रोधी कानून और संशोधित भू-कानून लागू कर सामाजिक समरसता एवं सुरक्षा को मजबूत किया गया है।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा को सभी का दायित्व बताते हुए राज्य को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के लक्ष्य पर सरकार के “विकल्प रहित संकल्प” को दोहराया।

सम्मेलन में मुख्य घोषणाएँ

प्रेजिडेंट पुलिस मेडल-गैलेंट्री से अलंकृत अर्द्धसैनिकों को 5 लाख रुपये की एकमुश्त अनुदान राशि।

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जिन पूर्व अर्द्धसैनिकों और वीर नारियों के पास स्वयं की अचल संपत्ति नहीं है, उन्हें राज्य में संपत्ति क्रय पर 25% तक स्टाम्प शुल्क छूट।

“उत्तराखण्ड राज्य अर्द्धसैनिक बल कल्याण परिषद” को क्रियाशील किया जाएगा और पुलिस मुख्यालय में कार्यालय कक्ष आवंटित होगा।

सैनिक कल्याण निदेशालय तथा बड़े जिलों में अर्द्धसैनिक संवर्ग हेतु नए पद सृजित किए जाएंगे, जिन पर पूर्व अर्द्धसैनिकों को संविदा पर रखा जाएगा।

अर्द्धसैनिक बलों के बच्चों को सैनिकों की भांति विवाह अनुदान सुविधा।

सीजीएचएस भवन निर्माण के लिए भूमि चयन को तत्काल प्राथमिकता।

कार्यक्रम में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, मेयर गजराज सिंह बिष्ट, जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा दरमवाल, अनेक जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ अधिकारी, पूर्व अर्द्धसैनिक और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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