देहरादून। कॉर्बेट हलचल
राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (आरआईएमसी) के दरवाजे 100 साल के सफर के बाद आखिरकार लड़कियों के लिए खुल गए। इस कॉलेज के इतिहास में इसके साथ बड़ा बदलाव हो गया। पहली बार आरआईएमसी कैडेट के रूप में लड़कियों को प्रवेश मिला। बालिकाओं के लिए पांच सीटें रिजर्व थीं, लेकिन पहले बैच में फिलहाल सिर्फ दो ही लड़कियां इस बदलाव का प्रतीक बन पाईं।
देशभर से 568 आवेदन मिले थे
सैन्य क्षेत्र में महिलाओं के लिए कॅरियर के अवसर बढ़ रहे हैं। पहले जहां महिलाओं को शॉर्ट सर्विस कमीशन के रूप में नियुक्ति मिलती थी तो अब पूर्ण कॅरियर की राह खुली है। सेना के लिए बेहतर युवा तराशने वाले संस्थान आरआईएमसी में लड़कियों के प्रवेश की राह भी इस साल खुली। हाल में शुरू हुए सत्र में पांच सीटें रिजर्व करते हुए आवेदन मांगे गए थे। इसके लिए पूरे देशभर से 568 आवेदन प्राप्त हुए थे।
को एजुकेशन के लिए कई बदलाव
इन आवेदनों की प्रक्रिया पूरी होने के बाद चार लड़कियों का चयन हुआ। पुष्ट सूत्रों ने बताया कि दो लड़कियां किसी कारणवश ज्वाइन नहीं कर पाईं। बाकी दो चयनित लड़कियों ने ज्वाइनिंग कर ली है। कैडेट के रूप में लड़कियों के पहुंचते ही इस संस्थान को भी सह-शिक्षा संस्थान के रूप में तैयार करने के लिए कई बदलाव किए गए हैं। कुछ पर काम जारी है।
आठवीं कक्षा में प्रवेश
यहां पहुंचीं दो छात्राओं में एक हरियाणा की निवासी बताई जा रही है। आठवीं में दाखिले की प्रक्रियाहर छह महीने में लगभग 25 कैडेटों को यहां भर्ती किया जाता है। आवेदक की आयु साढ़े 11 साल से 13 वर्ष तय है। प्रवेश आठवीं में ही लिए जाते हैं। शर्त यह है कि उम्मीदवार को सातवीं में पढ़ना चाहिए या किसी मान्यता प्राप्त स्कूल से सातवीं उत्तीर्ण होना चाहिए। आरआईएमसी से पास होने वाले 90 फीसदी तक कैडेट एनडीए परीक्षा पास कर जाते हैं।
एनडीए में लड़कियों के शामिल होने के बाद बदलाव
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के दरवाजे लड़कियों के खोले जाने के बाद यह बदलाव आया है। सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के तहत आरआईएमसी में लड़कियों को प्रवेश देने का निर्णय लिया गया। बीते मार्च में हुए शताब्दी स्थापना दिवस पर तत्कालीन कमांडेंट ने कहा था कि लड़कियों को प्रवेश देने के लिए सीटें रखी गई हैं। जनवरी में चुने जाने वाले बैच में इनकी संख्या और बढ़ सकती है।