Corbetthalchal ramanagar-लखनपुर रामनगर क्षेत्र की नन्हीं 10 वर्षीय बाल कलाकार किरन ने दिल्ली मे सोनी टीवी के (इंडियाज गोट टेलेंट)टीवी शो मे दूसरे राउंड मे पहुंच कर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया | किरन ने देहली ऑडिशन मे 15 म्यूजिकल स्टूमेंटस एक ही सॉन्ग मे बजा कर सभी जजों का दिल जीत लिया, किरन और भी कई स्टूमेंट्स बजा कर दिखाना चाहती थी.. पर रामनगर से देहली ज्यादा स्टमेंट्स ले जाने पर काफी परेशानीयों का सामना करना पड़ता हैं।
किरन के पिता प्रकाश कोतवाल भी नगर के जाने-पहचाने संगीत कलाकार है। इनके पिता के मित्र हेम चन्द्र पाण्डे ने जानकारी दी कि, किरन कोटवाल जो इंडिया बुक रिकॉर्ड में 50 से ज्यादा म्यूजिकल वाद्य यंत्र बजाने हेतु पिछले चार सालों से काफी मेहनत कर रही हैं। किरन को अपने नगर के जन प्रतिनिधि व कला संस्कृति से जुड़े लोगो से भी बड़ी उम्मीद सी लगी रहती हैं, कि कोई तो आगे आकर अपने नगर मे भी कला संस्कृति के विकास मे मुख्य भूमिका निभाए।

कला व कलाकारो को व बाल प्रतिभाओ को नये नये मंच उपलब्ध कराये व उन्हें सहयोग करे, जिससे अपने नगर क्षेत्र मे भी अन्य नगरो की तरह कला सस्कृति का विकास हो।किरन जो गुरु नानक पब्लिक स्कूल रामनगर की पांचवी क्लास की छात्रा है | किरन उत्तराखंड की सबसे कम उम्र की पहली ऐसी बाल कलाकार है जो इंडिया बुक रिकॉर्ड में 50 म्यूजिकल वाद्य यंत्र बजाने का रिकॉर्ड बनाने हेतु पिछले 4 सालों से कठिन अभ्यास कर रही है |
किरन हमारे उत्तराखंड के प्रसिद्ध वाद्य यन्त्र ढ़ोल, दमाऊ, हुडका, रणसींग,बिड़ाई, मसकबीन,बांसुरी,सहनाई,आदि भी बजाती हैं..और काफी अच्छा लोकगीत भी गाती हैं..किरन पहली ऐसी बाल कलाकार हैं, जो उत्तराखंड की शांस्तीर्य संगीत व कठिन राग रागनीयों से युक्त रामलीलाओ को हारमोनियम, तबला, व बांसुरी आदि मे पांच साल की उम्र से अपने पिता प्रकाश कोतवाल के साथ रामलीला मंचो मे बजाती हैं,
और उत्तराखंड की विलुप्ति की कगार पर पहुंची (शास्त्रीय होली गायन) गायन विधा मे भी किरन को महारत हासिल हैं| किरन काफी प्रतिभावान बाल कलाकार है जो ज़ी टीवी चैनल और सोनी टीवी चैनल व अन्य कई बड़े नगरों के कार्यक्रमो में भी प्रतिभाग कर चुकी है, उसे पांच साल की उम्र मे रामलीलाओं में अकेले ही 10 पात्रों के किरदारों का अभिनय करने का सम्मान भी मिल चुका है, वह उत्तराखंड संगीत रत्न अवार्ड सम्मान से भी सम्मानित हो चुकी हैं,और संगीत व कत्थक नृत्य मे भी कई विधाओं मे, कई तरह के डिप्लोमा फॉर्म व कोर्स आदि भी वो कर रही हैं, जो 10 साल उम्र मे काफी कम लोग ही कर पाते हैं|
इसलिए कला से जुड़े लोगो व जन प्रतिनिधिओ से आग्रह हैं कि इस बाल कलाकार को उत्तराखंड के लिए एक दुलर्भ म्यूजिकल रिकॉर्ड बनाने हेतु सहयोग करे। आप लोगो के सहयोग व आर्शीवाद से किरन उत्तराखंड ही नहीं पुरे भारत वर्ष मे कला संस्कृति के विकास व प्रचार हेतु निरंतर इसी तरह मेहनत से काम करती रहेगी और सदा (उत्तराखंड) का नाम रोशन करेंगी। यह बाल कलाकार काफी कला से जुड़े लोगों को व नन्ही बाल प्रतिभाओं को भी अपना टैलेंट दिखाने व कला क्षेत्र मे आगे बढ़ने हेतु प्रेरणा बनेगी।
किरन की इस उपलब्धि पर नगर के सभी संगीत प्रेमियों में खुशी की लहर है।


