उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में 5 अगस्त को आई बादल फटने की आपदा ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया है। इस प्राकृतिक विपदा में कई परिवार लापता हो गए हैं और उनके परिजन अपने अपनों की तलाश में आशा और चिंता के बीच जूझ रहे हैं।
धराली निवासी महेंद्र चौहान ने बताया कि उनकी बहन, बहनोई और उनका बच्चा 5 अगस्त दोपहर करीब 1:30 बजे धराली के एक होटल में थे, जहां से आखिरी बार उनका संपर्क हुआ था। इसके बाद से उनका कोई पता नहीं चल पाया है। महेंद्र ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर अपनी आपबीती साझा की। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जल्द ही हेलीकॉप्टर सेवा शुरू कर लापता लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा। महेंद्र ने कहा, “मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया है कि कल तक वे मुझे किसी भी हालत में वहां पहुंचा देंगे।”
धराली के एक अन्य पीड़ित ने बताया कि उनका छोटा भाई और उसका परिवार भी आपदा के बाद से लापता है। उनका भाई धराली में एक होटल चलाता था, जो अब आपदा की चपेट में है। स्थानीय लोग अत्यंत चिंतित हैं और अपने परिजनों की सुरक्षा के लिए दुआ कर रहे हैं।
आपदा के 24 घंटे बाद बुधवार शाम राहत कार्यों में तेजी आई है। बारिश थमने के बाद भटवाड़ी हेलीपैड से लगातार 2-3 हेलीकॉप्टर उड़ान भर रहे हैं, जिनमें एनडीआरएफ टीम और मेडिकल स्टाफ को धराली भेजा जा रहा है। शाम करीब 5 बजे से आधे घंटे में लगभग 40 उड़ानें भरी गईं, जिनमें राहत सामग्री और बचावकर्मी शामिल थे।
धराली में राहत कार्यों में सबसे बड़ी बाधा सड़क मार्गों का बंद होना है। कई स्थानों पर सड़कें बह गई हैं या भारी मलबे से अवरुद्ध हो गई हैं। गंगनानी क्षेत्र में एक मुख्य पुल टूट गया है, जिससे राहत पहुंचाना मुश्किल हो गया है। वहीं, भटवाड़ी क्षेत्र में सड़क पूरी तरह टूटने से जमीनी संपर्क कट चुका है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राहत कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा, “प्रशासन की पूरी कोशिश है कि किसी भी पीड़ित को अकेला न छोड़ा जाए। सभी को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने और लापता लोगों की तलाश के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।” उन्होंने ज़िलाधिकारी और आपदा प्रबंधन टीम को राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए और पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया।


