उत्तराखंड हाईकोर्ट ने दुराचार के आरोपी लालकुआं दुग्ध संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा की गिरफ्तारी पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है।
न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने मुकेश बोरा को पुलिस जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 17 सितंबर को निर्धारित की गई है।
मुकेश बोरा के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि याची को इस मामले में साजिशन फंसाया गया है। जबकि सरकार की ओर से कहा गया कि मुकेश बोरा के खिलाफ लालकुआं थाने में धारा 376 (2) (n), 506 भारतीय दंड संहिता और धारा 3(ड)/10 पॉक्सो अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज है।
उत्तराखंड शासन द्वारा पॉक्सो अधिनियम को लेकर 11 अगस्त 2020 को जारी अधिसूचना की धारा 438 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत ऐसे अपराधों में अग्रिम जमानत के प्रावधान लागू नहीं होते हैं।
दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद, कोर्ट ने फिलहाल आरोपी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है और कहा कि वह गवाहों को डराने-धमकाने का प्रयास न करें।