प्रेम और नाराजगी का खौफनाक परिणाम: भीमताल में योजना बद्ध हत्या, दोषियों को सजा

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उत्तराखंड के नैनीताल जिले के भीमताल थाना क्षेत्र में एक चर्चित हत्या मामले में अदालत ने सख्त फैसला सुनाया है। प्रेम संबंधों के चलते रची गई साजिश के तहत युवक की गोली मारकर हत्या करने के आरोप में अभियुक्ता अमरीन जहां और उसके साथी राधेश्याम शुक्ला को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा दी गई है। दोनों पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इसके अलावा, अवैध हथियार रखने और उसका प्रयोग करने के आरोप में राधेश्याम शुक्ला को आर्म्स एक्ट के तहत तीन वर्ष का अतिरिक्त कारावास और 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी दिया गया।

अभियोजन के अनुसार, 2 जनवरी 2020 को दोपहर करीब ढाई बजे अमरीन जहां, निवासी इंद्रानगर हल्द्वानी, अपने परिचित नाजिम अली को भीमताल घूमने के बहाने अपने साथ ले गई। उसका साथी राधेश्याम शुक्ला मोटरसाइकिल से पीछे-पीछे चलता रहा। चंदा देवी मंदिर के पास हेयरपिन मोड़ पर पहुंचने पर रुकने का बहाना बनाया गया और वहीं राधेश्याम ने 315 बोर के तमंचे से नजदीक से नाजिम पर गोली चला दी। वारदात के बाद वह मौके से फरार हो गया।

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गोली लगने के बाद अमरीन ने नाजिम के मोबाइल से उसके भाई वाजिद अली को कॉल कर झूठी सूचना दी। गंभीर रूप से घायल नाजिम को बोलेरो वाहन से अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस दौरान अमरीन का व्यवहार संदिग्ध पाया गया और वह अस्पताल से भागने का प्रयास करने लगी, जिसे पुलिस ने रोक लिया।

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पुलिस ने राधेश्याम शुक्ला को गिरफ्तार किया। उसके पास से मोबाइल फोन, हत्या में प्रयुक्त तमंचा, खोखा, जिंदा कारतूस और खून से सने कपड़े बरामद हुए। फॉरेंसिक जांच में कपड़ों पर पाया गया रक्त मृतक नाजिम का ही था। कॉल डिटेल रिकॉर्ड और मोबाइल लोकेशन से भी साबित हुआ कि घटना के समय तीनों वहीं मौजूद थे।

पुलिस पूछताछ में सामने आया कि अमरीन और नाजिम के बीच प्रेम संबंध थे। नाजिम द्वारा किसी अन्य युवती से विवाह कर लेने पर अमरीन नाराज थी, क्योंकि उसने उससे शादी का वादा किया था। इसी नाराजगी और बदले की भावना में अमरीन ने राधेश्याम के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची।

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सुनवाई के दौरान 17 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। हल्द्वानी, काठगोदाम और भीमताल मार्ग पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में आरोपियों और मृतक की आवाजाही स्पष्ट दिखाई दी, जिससे अभियोजन का मामला और मजबूत हुआ।

सजा सुनाते हुए न्यायालय ने कहा कि हत्या पूरी तरह योजनाबद्ध और नृशंस तरीके से की गई। अदालत ने इसे मानवता और सामाजिक मूल्यों पर सीधा प्रहार बताया। इसके साथ ही अदालत ने मृतक के परिवार को उत्तराखंड अपराध पीड़ित सहायता योजना के तहत मुआवजा देने के निर्देश भी दिए। फैसले के बाद दोनों दोषियों के खिलाफ सजायाफ्ता वारंट जारी कर उन्हें जेल भेज दिया गया।

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