थराली में फिर भूस्खलन का कहर, मलबे में दबा मकान – लोग बाल-बाल बचे 

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उत्तराखंड में मौसम का कहर लगातार जारी है और प्राकृतिक आपदाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। चमोली जिले के थराली क्षेत्र में बुधवार रात हुई भारी बारिश के बाद एक बार फिर भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे क्षेत्र में भय और तबाही का माहौल गहराता जा रहा है।

थराली तहसील के सगवाड़ा गांव में देर रात लैंडस्लाइड की चपेट में एक मकान आ गया। सौभाग्य से, घर में रह रहे लोग समय रहते बाहर निकल आए और किसी की जान को नुकसान नहीं पहुंचा। हालांकि, लगातार हो रही बारिश और पहाड़ियों के खिसकने से स्थानीय निवासियों की चिंताएं दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं।

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थराली-देवाल मोटर मार्ग पर केदारबगड़ के पास एक गधेरे में भारी मलबा आ जाने से सड़क पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है, जिससे आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है। लोक निर्माण विभाग (PWD) ने जेसीबी मशीनों के जरिए मलबा हटाकर मार्ग को बहाल करने का प्रयास शुरू कर दिया है।

वहीं, एक अन्य क्षेत्र राड़ीबगड़ गांव और उसके आसपास के इलाकों में नाले के उफान के कारण घरों और खेतों में मलबा भर गया है। इससे लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

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थराली-कोटड़ीप मार्ग पर भूस्खलन का असर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की आवासीय कॉलोनी तक पहुंच गया है। भारी मलबा कॉलोनी के पीछे जमा हो गया और एक बड़ा बोल्डर सीधे भवन के अंदर तक घुस आया। इस घटना में भवन को गंभीर क्षति पहुंची है। जिस स्थान पर बोल्डर गिरा, उसके ठीक नीचे थराली का मुख्य बाजार स्थित है। यदि यह बोल्डर बाजार की दिशा में गिरता, तो एक बड़ा हादसा हो सकता था।

लगातार हो रही बारिश के चलते पिंडर नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। नदी किनारे बने मंदिर, स्कूल और आवासीय भवन अब जलभराव और कटाव के खतरे में आ गए हैं, जिससे प्रशासन और स्थानीय लोग दोनों चिंतित हैं।

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गौरतलब है कि 23 अगस्त को भी थराली में भारी बारिश और लैंडस्लाइड के कारण एक युवती की मौत हो गई थी और एक व्यक्ति लापता हो गया था। तब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया था। अब एक बार फिर उसी तरह की आपदा ने लोगों के दिलों में डर और असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है।

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