केदारनाथ हेलीकॉप्टर क्रैश : पायलट ने कहा था, मौसम खराब है, लौटना होगा… लेकिन पलभर में हादसा हो गया

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रुद्रप्रयाग। कॉर्बेट हलचल
केदारनाथ में मंगलवार को हेलिकॉप्टर हादसे के बाद पायलट समेत 7 श्रद्दालुओं की मौत के बाद कई सवाल खड़े हो गये हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर अगर वहां मौसम खराब था तब हेलिकॉप्टर को किसने और क्यों उड़ान भरने की इजाजत दी। इधर, उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने एक न्यूज चैनल को बताया है कि हेलिकॉप्टर के क्रैश होने से पहले पायलट ने कंट्रोल रूम को कुछ जानकारी दी थी।

उड़ान के 5-6 सेकेंड बाद ही हादसा
हेलिकॉप्टर सेवा संचालित करने वाली कंपनी आर्यन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड पर भी सवाल उठ रहे हैं। मंगलवार को केदारनाथ से करीब 2 किलोमीटर गरुड़चट्टी के पास यह हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ। केदारनाथ में हेलिपैड पर तैनात सुरक्षाकर्मी ने बताया है कि यह हेलिकॉप्टर उड़ान भरने के महज 5-6 सेकेंड बाद ही दुर्घटना का शिकार हो गया था।

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पायलट ने दी थी लौटने की सूचना
न्यूज चैनल ‘आज तक’ से बातचीत में राज्य के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि हेलिकॉप्टर केदारनाथ से फाटा की तरफ जा रहा था। इस बीच अचानक मौसम काफी खराब हो गया। पायलट ने कंट्रोल रूम को मौसम खराब होने की जानकारी दी थी। पायलट ने कहा था कि उसे वापस लौटना पड़ेगा। लेकिन कुछ देर बाद ही हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना मिल गई। बता दें कि श्रद्धालुओं को लेकर हेलिकॉप्टर उड़ा रहे पायलट का नाम अनिल सिंह था। अनिल सिंह मुंबई के रहने वाले थे। इस हादसे में अनिल सिंह की भी मौत हो गई थी।

कई टुकड़ों में बंट गया हेलीकॉप्टर
जिस इलाके में हेलिकॉप्टर इस दुखद हादसे का शिकार हुआ है, वहां अक्सर मौसम अचानक बदल जाता है। इस हादसे के बाद कई प्रत्यक्षदर्शियों ने भी बताया कि मंगलवार को इस इलाके में रह-रह कर बारिश हो रही थी। हेलिपैड के सुरक्षा गार्ड मनोहर सिंह की माने तो क्रैश होने के बाद हेलिकॉप्टर कई टुकड़ों में बंट गया और उसमें आग लग गई। मनोहर सिंह ने बताया कि वहां कुछ भी नजर नहीं आ रहा था। वहां कोहरे की चादर बिछी हुई थी। लेकिन क्रैश होने के बाद जोरदार आवाज आई तो सभी लोग वहां दौड़ कर पहुंचे। 

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संकरी घाटी के बीच उड़ता है हेलीकॉप्टर
बता दें कि गौरीकुंड-केदारनाथ के बीच संकरी घाटियां हैं। अक्सर इनके बीच से हेलिकॉप्टर गुजरती है। खराब मौसम या अत्यधिक धुंध की स्थिति में यहां की पहाड़ियां बिल्कुल नजर नहीं आती हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि कोहरे की वजह से ही यह हेलिकॉप्टर छोटी पहाड़ी से टकराकर दुर्घटना का शिकार हुआ है।

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उड़ान में बर्फबारी भी घातक
बता दें कि पहाड़ी इलाकों में हेलिकॉप्टर उड़ान के समय अचानक आने वाली बारिश या लगातार हो रही हल्की बर्फबारी भी घातक सिद्ध हो सकती है। किसी तरह का तूफान या फिर अचानक से सामने आए बादल या कोहरे से दृश्यता खत्म हो सकती है। ऐसे में हेलिकॉप्टर की उड़ान खतरनाक मानी जाती है। केदारनाथ क्षेत्र की समुद्र तल से ऊंचाई लगभग 11 हजार 500 फीट से अधिक है। यहां हेलिकॉप्टर संकरी घाटी से गुजरना पड़ता है। खराब मौसम यहां अक्सर किसी हादसे को आमंत्रण देते हैं।