उत्तराखंड में भ्रष्टाचार पर बड़ी कार्रवाई, ये अफसर तत्काल प्रभाव से निलंबित

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उत्तराखंड में भ्रष्टाचार पर एक बार फिर सख्त कदम उठाया गया है। राज्य सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के तहत परिवहन निगम के उप महाप्रबंधक (वित्त) भूपेंद्र कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उनके खिलाफ सतर्कता अधिष्ठान, देहरादून में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (संशोधित 2018) की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा संख्या 9/2025 दर्ज है, जिसकी जांच फिलहाल जारी है।

परिवहन निगम की प्रबंध निदेशक रीना जोशी ने 8 अगस्त को आदेश जारी कर बताया कि यह कार्रवाई उत्तराखंड परिवहन निगम अधिकारी सेवा (सामान्य) विनियमावली, 2009 के तहत की गई है। निलंबन के दौरान भूपेंद्र कुमार को जीवन निर्वाह भत्ता, अर्द्ध वेतन के बराबर अवकाश वेतन, महंगाई भत्ता और अन्य भत्ते मिलेंगे, बशर्ते वे लिखित रूप में प्रमाणित करें कि वे निलंबन अवधि में किसी अन्य सेवा या व्यवसाय में संलग्न नहीं हैं।

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भूपेंद्र कुमार पर अनुबंधित बस ऑपरेटरों और ढाबा संचालकों से रिश्वत मांगने के आरोप हैं। यह मामला मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मंजूरी के बाद सार्वजनिक हुआ है और पिछले दो वर्षों से जांच के अधीन था। 17 जुलाई को उनकी गिरफ्तारी हुई थी।

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गिरफ्तारी से बचने के लिए भूपेंद्र कुमार ने नैनीताल उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की, लेकिन अदालत ने इसे अस्वीकार कर दिया। कोर्ट ने उन्हें जांच में सहयोग करने और बिना अनुमति राज्य से बाहर न जाने का निर्देश दिया है।

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विजिलेंस की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि भूपेंद्र कुमार और उनके परिवार के खातों में 59 लाख 82 हजार 300 रुपये संदिग्ध रूप से जमा हुए हैं, जिनकी गंभीरता से जांच की जा रही है।

उत्तराखंड परिवहन निगम ने स्पष्ट किया है कि यह कदम सेवा नियमों और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। भविष्य में भी ऐसे भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।

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