चन्द्रशेखर जोशी
रामनगर:-पर्व/त्यौहार भारत की सांस्कृतिक पहचान हैं। अखंड भारत के विस्तृत भू-भाग में प्रायः वर्ष भर संपन्न होने वाले इन उत्सवों का संबंध किसी व्यक्ति विशेष से नहीं होता। देश के कोने-कोने में मनाए जाने वाले यह पर्व प्रकृति, पर्यावरण, राष्ट्र की विजय, सुरक्षा और सामाजिक एकता के परिचायक हैं।
रामनगर जिला नैनीताल में दिनांक 14 जनवरी 2023 को रामा मंदिर स्थित रामा शाखा में “मकर संक्रांति” पर्व के अवसर पर खिचड़ी कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता रामनगर के विधायक दीवान सिंह बिष्ट ने की।
मकर संक्रांति महोत्सव अर्थात् मकर संक्रांति भगवान भास्कर (सूर्य) के तेज, प्रकाश और ऊर्जा से प्रेरणा लेने का अवसर माना गया है। इस दिन सूर्य देव का धनु राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश होता है। दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं। शीत लहरें समाप्त होने लगती हैं। इस समय को भारत में बहुत ही पवित्र माना जाता है। अखंड ब्रह्मचारी भीष्म पितामह ने इसी अवसर पर अपना शरीर छोड़ा था।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता के तौर पर बोलते हुए नगर सम्पर्क प्रमुख सुन्दर बिष्ट ने कहा कि, इस वर्ष की मकर संक्रांति के हर्षोल्लास में समस्त भारतवासियों में यह विश्वास जागृत हुआ है कि भविष्य में भी प्रत्येक मकर संक्रांति पर राष्ट्र की विजय, सामाजिक एकता और धार्मिक सामंजस्य का कोई ना कोई प्रसंग अवश्य आएगा। भारत के 135 करोड़ नागरिक एक राष्ट्र पुरुष के रूप में खड़े होकर राष्ट्रीय स्वाभिमान का अनुभव करेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बनेगा। कश्मीर से भगाए गए लाखों हिन्दू अपने घरों में लौटेंगे। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश सहित अनेक देशों में हिन्दू उत्पीड़न बंद होगा। भारत में समान नागरिक संहिता का स्वर्णिम युग भी आएगा और एक समय ऐसा भी आएगा, जब ‘अखंड भारत’ के कोने कोने में मकर संक्रांति एवं अन्य सभी त्यौहार मनाए जाएंगे।
इस अवसर पर विधायक दीवान सिंह बिष्ट ने कहा कि राष्ट्र के वर्तमान परिप्रेक्ष्य में देखें तो इस बार मकर संक्रांति का पर्व अनेक परिवर्तन लेकर आया है। अनेक असहाय समस्याएं सुलझ गई हैं। अलगाववादी धारा 370 का हटना, श्री राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण का मार्ग प्रशस्त होना और नागरिकता संशोधन अधिनियम पारित होना इत्यादि ऐसे महत्वपूर्ण कार्य हैं, जिनसे यह मकर संक्रांति पर्व परिवर्तन का महान अवसर बन गया है। राष्ट्रीय संस्कृति की ऐतिहासिक विजय है।
इस अवसर पर तहसील प्रचारक गौतम, नगर संघचालक अजय अग्रवाल, जिला सेवा प्रमुख वीर सिंह, नगर कार्यवाह अतुल अग्रवाल, सह नगर कार्यवाह सुभाष ध्यानी, नगर व्यवस्था प्रमुख हर्षवर्धन सुन्द्रियाल, नगर प्रचार प्रमुख नवीन पोखरियाल, नगर शारीरिक प्रमुख अभिषेक गुप्ता, नगर समरसता प्रमुख खीमानंद, नगर ज्वाइन आरएसएस प्रमुख पंकज नैनवाल, नवीन करगेती, शिवि अग्रवाल, अतुल मेहरोत्रा, राकेश अग्रवाल, कैप्टन पूरन बिष्ट, मनीष अग्रवाल, प्रमोद नैनवाल, जे.सी. लोहनी सहित काफी संख्या में स्वयंसेवक उपस्थित थे।




