देहरादून में वरिष्ठ पत्रकार पंकज मिश्रा की मौत के मामले में पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। मृतक के छोटे भाई अरविंद मिश्रा ने इस मामले में राजपुर थाने में तहरीर दी थी, जिसके आधार पर पुलिस ने कार्रवाई शुरू की। मंगलवार को पंकज का पोस्टमॉर्टम हो गया था, लेकिन परिजनों की अपील पर बुधवार को दोबारा पोस्टमॉर्टम किया जा रहा है।
अरविंद मिश्रा के अनुसार, उनका बड़ा भाई पंकज मिश्रा अपने घर में पत्नी लक्ष्मी मिश्रा के साथ दून विहार जाखन में रहते थे। 15 दिसंबर की रात करीब 10 बजे अमित सहगल अपने कुछ साथियों के साथ पंकज के घर आया और गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की नियत से हमला कर दिया।
अभियुक्तों ने पंकज के सीने और पेट पर लात-घूंसे मारे, जिससे उनके मुंह से खून बहने लगा। आरोप है कि एक साथ आए युवक ने कहा कि “ये हार्ट और लिवर का मरीज है, इसके पेट और सीने पर मारो।” मारपीट के बाद पंकज का मोबाइल छीन लिया गया। जब पत्नी लक्ष्मी मदद के लिए पुलिस को कॉल करना चाह रही थीं, तो उनके मोबाइल को भी छीना गया और बदसलूकी की गई। इसके बाद पंकज ने राहगीर के फोन से पुलिस को सूचना दी।
अरविंद के अनुसार, घटना के बाद पंकज और लक्ष्मी रात में डर के कारण पुलिस और मेडिकल सुविधा के लिए नहीं गए। 16 दिसंबर की सुबह करीब 3 बजे पंकज ने दर्द से कराहते हुए पत्नी को आवाज लगाई। पत्नी जब उठीं, तब तक पंकज बिस्तर से उठकर अचेत होकर जमीन पर गिर गए। पड़ोसियों की मदद से परिवार ने एम्बुलेंस बुलाई, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही पंकज की मौत हो गई।
अरविंद मिश्रा, जो मुंबई से आए हैं, ने एसएसपी अजय सिंह से मुलाकात कर दोबारा पोस्टमॉर्टम की अपील की। उनका आरोप है कि पहले पोस्टमॉर्टम में आरोपी अमित सहगल किसी तरह की सेटिंग कर सकता था, क्योंकि उसका इतिहास है कि वह डॉक्टरों को ब्लैकमेल करता है।
एसपी सिटी प्रमोद कुमार ने बताया कि अरविंद की तहरीर के आधार पर थाना राजपुर में आरोपी अमित सहगल और उसके साथियों के खिलाफ BNS की धारा 103, 304, 333 और 352 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस हर पहलू की जांच कर रही है और जल्द ही घटना के संबंध में अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।




