चन्द्रशेखर जोशी
रामनगर-पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले के 191 वें जन्मदिन पर आज उनके नाम से सांयकालीन विद्यालय परिसर का उद्घाटन किया गया।
रचनात्मक शिक्षक मण्डल उत्तराखण्ड की पहल पर स्थानीय लोगों के सहयोग से पुछड़ी में खुले इस स्कूल के परिसर का उदघाटन डॉ अर्चना कौशिक व मजदूर महिलाओं कमला रावत,डॉली देवी,गुंजन देवी,मीना देवी ने संयुक्त रूप से किया।इस सांयकालीन स्कूल में कोसी नदी के रेता बजरी व्यवसाय से जुड़े व कूड़ा बीनने वाले परिवारों से जुड़े बच्चों की विशेष व्यवस्था की गई है।
अपने सम्बोधन में डॉ अर्चना कौशिक ने इस पहल का स्वागत करते हुए सावित्रीबाई फुले को याद किया।उन्होंने कहा हम आजादी कि 75 वीं बर्षगाँठ जरूर मना रहे हैं। परंतु बालिका शिक्षा व महिलाओं के प्रति अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
विद्यालय की शिक्षिका अंजलि रावत द्वारा विस्तार से सावित्रीबाई फुले के जीवन व कार्यों पर प्रकाश डाला गया।उन्होंने कहा एक ओर जब सावित्रीबाई फुले बालिका शिक्षा को लेकर प्रयासरत थीं उस समय की ब्राह्मणवादी ताकतें उनपर गोबर फेंक रही थी दूसरी ओर फातिमा शेख,उस्मान मियां जैसे लोग सावित्रीबाई के साथ खड़े हो उनका साथ दे रहे थे।
कार्यक्रम की शुरुआत स्कूल के बच्चों द्वारा सफदर हाशमी लिखित गीत,’पढ़ना लिखना सीखो ओ मेहननत करने वालो”,व हम होंगे कामयाब से हुई।अन्य रंगारंग कार्यक्रम भी आयोजित किये गए।इस मौके पर बच्चों ने वरिष्ठ चित्रकार सुरेशलाल के मार्गनिर्देशन सावित्रीबाई फुले का एक शानदार चित्र भी बनाया।कार्यक्रम के अंत में शिक्षक मण्डल के राज्य संयोजक नवेन्दु मठपाल ने सभी का आभार व्यक्त किया।
अतिथियों को आजादी की 75 वीं सालगिरह के मध्यनजर आजादी के आंदोलन के संग्रामियों से सम्बंधित साहित्य भेंट किया गया।इस मौके पर ग्राम प्रधान ताहिर,सुमित कुमार,बालकृष्ण चन्द,सुभाष गोला,प्रताप सिंह रावत,आरजू,आरसी,अनीता देवी,अक्षय रावत,प्रकाश चन्द जोशी मौजूद रहीं।


