हल्द्वानी। नैनीताल जिले के दुर्गम रामनगढ़ की ग्राम पंचायत झूतिया पहाडी क्षेत्र होने के कारण सिंचाई हेतु वर्ष भर जल पर निर्भर रहना पड़ता है जिस कारण समय पर वर्षा नही होने के कारण कृषि कार्यो में सिंचाई समय से नही होने पर उत्पदान नही हो पाता है।
मुख्य रूप से ग्रामवासी कृषि कार्यो पर ही निर्भर है एवं पहले से ही यहॉ फल/सब्जी उत्पादन का कार्य किया जाता रहा है। साथ ही विगत वर्षो में जंगली पशुओं द्वारा फसलों को नुकसान पहुॅचाया जाता था। जिस कारण किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता था जिसके कृषक बन्धुओं का रूझान कृषि से कम होने लगा। इन समस्याओं के दृष्टिगत गॉव में बैठक का आयोजन कर प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की जानकारी कृषकों को दी गई जिसके अन्तर्गत उनके ग्राम में प्रवाहित होने वाले बहुवर्षीय नालों में जिसका जल बहकर व्यर्थ चला जाता था पानी को रोकर पानी का उपयोग किया जा सकता है एवं ग्राम में सिचिंत क्षेत्र को बढ़ाया जाएगा साथ ही अन्य योजनाओं से सब्जी एवं फलदार वृक्षों का वृक्षारोपण भी कराया जाएगा।
जानकारी देते हुए मुख्य विकास अधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से वित्तीय वर्ष 2021-22 की कार्य योजना में स्वीकृत सीमेनट चैकडैम, सिंचाई टैक एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना से घेरबाड़ की परियोजना तैयार कर सम्बन्धित ग्राम पंचायत में कार्य कराया गया। नमसा रैड योजना से सब्जी बीज (फ्रास बीन,शिमला मिर्च एवं मटर) एवं फलदार वृक्षों का वितरण किया गया साथ ही कृषकों को नवीनतम कृषि तकनीकों की जानकारी विषय वस्तु विशेषज्ञ से दिलाया गया। डॉ. तिवारी ने बताया कि परियोजना अन्तर्गत दो सीमेनट चैक डैम एवं चार सिंचाई टैकों का निर्माण कर लगभग 6 लाख लीटर पानी को सिंचाई हेतु वर्ष भर उपल्ब्ध कराया गया। चैक डैम निर्माण से भूमिगत जल में वृद्धि होगी जिससे आने वाले समय भूमि की उत्पादन क्षमता में बढ़ोत्तरी होगी साथ ही बहुवर्षीय नाले को रोककर जो कि बर्बाद हो जाता था अब सिंचाई हेतु उपयोग में लिया जा रहा है।
कृषकों द्वारा सिंचाई हेतु विभाग से 50 प्रतिशत अनुदान पर एचडीपीई पाइप खरीद कर अपने खेतों में सिंचाई कार्य किया जा रहा है। नमसा योजना से सब्जी बीज वितरण किया गया जिससे कृषकों ने उत्पादन कर अपनी आया की वृद्धि की एवं इसी योजना के तरह फलदार वृक्ष जैसे आडू, पूलम एवं खुमानी के पौधे वितरण कर कृषको के बागानों को भी सृदृढ किया गया साथ ही राष्ट्रीय कृषि विकास योजना से 450 मी0 घेरबाड का कार्य भी कराया गया है, जिससे जंगली पशुओं से फसलों को होने वाले नुकसान को बचाया गया है। इन सभी कार्यो से भविष्य में फसल, सब्जी, एवं फल उत्पादन में वृद्धि होगी एवं इनकी आमदनी बढ़ेगी।