चन्द्रशेखर जोशी
ग्राम ढिकुली, लदुवाचौड़ एवं चुकुम को ढिकुली एवं चुकुम नहरों से कोसी नदी के कच्चे तटबंधों को बनाकर सिंचाई विभाग द्वारा क्षेत्र के किसानों को सिचाई हेतु पानी उपलब्ध कराया जाता था।
वर्षाकाल में कोसी नदी का जलस्तर बढने से तटबंध क्षतिग्रस्त हो जाते थे। यह क्षेत्र वन विभाग के अन्तर्गत आने के कारण कार्यों में आ रही परेशानियों को देखते हुये जिला मजिस्ट्रेट धीराज सिंह गर्ब्याल ने आपदा प्रबन्धन अधिनियम 2005 के अन्तर्गत ढिकुली एवं चुकुम नहरों के हैड पर एवं कोसी नदी मेें जेसीबी चलाने की अनुमति प्रदान करने हेतु वन विभाग को निर्देशित किया है।
जिलाधिकारी/अध्यक्ष आपदा प्रबंधन श्री गर्ब्याल ने कहा कि ग्राम ढिकुली, लदुवाचौड एवं चुकुम को ढिकुली एवं चुकुम नहरों से कोसी नदी के कच्चे बन्ध कोसी नदी के जलस्तर बढने से बन्ध टूट/क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण सिंचाई हेतु पानी की आपूर्ति प्रभावित हो रही थी। उन्होंने कहा मानसून मे नहरों में जमा मलवा, सिल्ट की सफाई न होने के कारण आस-पास के क्षेत्रों मे जलभराव के साथ ही जानमाल का खतरा सम्भावित था।
जिलाधिकारी ने आमजनमास की समस्याओं को गम्भीरता से लेते हुये आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत प्रभागीय वनाधिकारी रामनगर वन प्रभाग कोे निर्देशित किया है कि मानसून के दौरान नहरों मे जमा मलूवा, सिल्ट की सफाई न होने के कारण आसपास के क्षेंत्रों मे जलभराव, बाढ की समस्या के साथ ही किसानों को सिंचाई हेतु पानी की समस्या के समाधान हेतु ढिकुली एवं चुकुम नहरों के हैड एवं कोसी नदी में जेसीबी चलाने की अनुमति, अनापत्ति प्रदान करना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने कहा कि ग्राम ढिकुली, लदुवाचौड़ एवं चुकुम नहरों की सफाई हो जाने से जहां किसानों को सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध हो सकेगा वही आसपास के क्षेत्रों में जलभराव से क्षेत्रवासियों को निजात मिलेगी।