चन्द्रशेखर जोशी
रामनगर – राजकीय इण्टर कालेज ढेला मे बाल दिवस की पूर्व संध्या पर बच्चों ने वाल पेन्टिंग कर मज़नव के क्रमिक विकास को जाना। स्कूली बच्चों ने वरिष्ठ चित्रकार सुरेशलाल के दिशा निर्देशन में कॉलेज की बाहर एक बड़ी सी दीवार पर चित्र बना मानव के क्रमिक विकास को जाना।उससे पूर्व अंग्रेजी प्रवक्ता नवेंदु मठपाल ने मानव के क्रमिक विकास की कहानी को बच्चों को बताते हुए कहा लगभग डेढ़ सौ लाख वर्ष पूर्व
ड्रायोपिथिकस तथा रामापिथिकस नामक नर वानर विद्यमान थे। इन लोगों के शरीर बालों से भरपूर थे तथा गोरिल्ला एवं चिपैंजी जैसे चलते थे। रामापिथिकस अधिक मनुष्यों जैसे थे, जबकि ड्रायोपिथिकस वन मानुष (ऐप) जैसे थे।
इथोपिया तथा तंजानिया में कुछ जीवाश्म (फासिल) अस्थियाँ मानवों जैसी प्राप्त
हुई हैं। ये जीवाश्म मानवी विशिष्टताएँ दर्शाते हैं जो इस विश्वास को आगे बढ़ाती हैं।
इस मौके पर प्रधानाचार्य मनोज जोशी,सी पी खाती, सुभाष गोला,बालकृष्ण चंद,उषा पवार, संत सिंह,दिनेश निखुरपा,प्रदीप शर्मा मौजूद रहे।


