देहरादून। कॉर्बेट हलचल
वन दरोगा भर्ती की ऑनलाइन परीक्षा में एजेंसी, निजी परीक्षा केंद्रों और कक्ष निरीक्षकों के गठजोड़ से नकल का खेल चल रहा था। एसटीएफ (STF) को इस बारे में कई अहम सुराग मिले हैं। एसटीएफ ने कुछ लोगों से पूछताछ की है और उन्होंने कई राज उगले हैं। नकल करने वाले छात्रों और गिरफ्तार दो दलालों से भी कई बातें पता चली हैं। हालांकि, एसटीएफ मामले की कड़ियां जोड़ने के बाद खुलासा करेगी।
एनएसईआईटी की संलिप्तता भी सामने आई
वन दरोगा भर्ती की ऑनलाइन परीक्षा में हरिद्वार, नैनीताल एवं अल्मोड़ा के केंद्रों पर नकल का खेल चला था। इस मामले में पूर्व में गिरफ्तार शशिकांत का नाम भी जुड़ा है। वह ऑनलाइन परीक्षा केंद्र भी चलाता था। वन दरोगा परीक्षा वाली एजेंसी मैसर्स एनएसईआईटी की संलिप्तता के साक्ष्य भी मिले।
कक्ष निरीक्षकों की भूमिका की भी जांच
एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह का कहना है कि एजेंसी और सेंटरों संग कक्ष निरीक्षकों की भूमिका जांची जा रही है।
आयोग भी जांच के घेरे में: मध्य प्रदेश और यूपी में ब्लैक लिस्ट एजेंसी को ठेका देने एवं आयोग के परीक्षा केंद्रों पर सघन निगरानी नहीं होने से सवाल खड़े हो रहे हैं। हरिद्वार के जिन केंद्रों में नकल की बात सामने आई है, वह कोई बड़े केंद्र नहीं हैं। यहां सामान्य कंप्यूटर कोर्स ही कराए जाते थे।
मूसा के खिलाफ जारी होगा लुकआउट सर्कुलर
यूकेएसएसएससी के भर्ती घपले के सरगना सैयद सादिक मूसा, उसका साथी योगेश्वर राव गिरफ्त से बाहर है। सूत्रों के मुताबिक, मूसा दुबई और योगेश्वर नेपाल भाग चुका है। मूसा और उसके साथी पर ईनाम 25 हजार से बढ़ाकर ज्यादा करने और उनके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी करने की तैयारी है। एसटीएफ की ओर से इसे लेकर पुलिस मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा जा रहा है।