उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को “हिंदू युवा वाहिनी” को लेकर बड़ा फैसला किया। सीएम योगी ने अब हिंदू युवा वाहिनी की प्रदेश और जिला स्तर की सभी इकाइयों को तत्काल प्रभाव से “भंग” कर दिया है। इस अप्रत्याशित फैसले के बाद कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
बुधवार को सीएम योगी के अचानक लिए गए इस फैसले से संगठन से जुड़े सभी पदाधिकारियों को चौंका दिया है।
बता दें कि इसी हिंदू युवा वाहिनी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में एक फायर ब्रांड नेता बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। साल 2002 में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में भाजपा के तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ ने युवाओं को हिंदुत्व जोड़ने के लिए हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया था।
बाद के सालों में इस संगठन पूरे प्रदेश में विस्तार होता चला गया। योगी आदित्यनाथ की पहचान भी हिंदू युवा वाहिनी से बनती चली गई। आखिरकार 20 साल बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज इसे पूरी तरह से भंग करने का एलान कर दिया। अब इस संगठन की कोई इकाई नहीं रहेगी।
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल इलाके में इस संगठन की बेहद मजबूत पकड़ है। वहीं प्रदेश के कई जिलों में इसकी इकाइयां हैं जिन सभी को अब बंद करने का ऐलान कर दिया गया है। वहीं पूर्वांचल से लगे बिहार के कुछ इलाकों में भी इस संगठन का गहरा असर देखने को मिलता है।
सूत्रों के अनुसार, साल 2017 में योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री बनने के बाद हिंदू युवा वाहिनी के लिए इतना समय नहीं दे पा रहे थे। हालांकि सूत्रों से यह भी बताया जा रहा है कि हिंदू युवा वाहिनी का नए सिरे से जल्द ही गठन किया जाएगा। फिलहाल अभी इस मामले को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से कोई औपचारिक बयान नहीं आया है।