देहरादून के पास अतिवृष्टि से आपदा के बाद लापता लोगों में से तीन के शव बुधवार को मिले। जिलाधिकारी सोनिका ने बताया कि सरखेत में तीन शव मलबे में दबे मिले हैं।
बताया कि आपदा के बाद से सरखेत गांव में बरसाती पानी व मलबा घुस जाने से पांच लोग लापता हो गए थे। प्रदेश में 19 अगस्त को रात में हुई भारी बारिश के बाद आपदा में अब तक छह लोगों के मौत की पुष्टि हुई है।
इसके अलावा 12 घायल और 11 लोगों को लापता बताया गया। लापता 11 में से दो लोगों के शव आज बुधवार को मिल गए हैं। प्रदेश शासन से सभी मृतकों के परिजनों को सहायता राशि उपलब्ध कराने का दावा किया है।
देहरादून जिले में भैंसवाड़, सरखेत, सौडा सरोली रायपुर में अतिवृष्टि में एक व्यक्ति की मौत हुई है, जबकि 12 लोग घायल हुए हैं।
वहीं, सात लोग लापता हैं, जिनमें से चार देहरादून और तीन व्यक्ति टिहरी से संबंधित हैं। बुधवार को राजधानी के पास सरखेत से लापता दो शव लोगों के शव मलबे में दबे मिले।
टिहरी में पांच लोगों के मौत की पुष्टि हुई है। इनमें तीन ग्वाड़ गांव, एक सिल्ला और एक मृतक कीर्तिनगर का है। ग्वाड़ गांव के चार लोग अब भी लापता बताए गए हैं,
जबकि 20 भवनों, पांच गोशाला के क्षतिग्रस्त होने का आकलन किया गया है। आपदा के चार दिन बाद भी लापता 9 लोगों का अब तक कुछ पता नहीं चल पाया।
उनकी तलाश के लिए अब सरकार थर्मल सेंसर मंगाने की तैयारी कर रही है। इससे मलबे में दबे लोगों का पता लगाया जा सकेगा।
कई जगहों पर मलबे को हटाने के लिए जेसीबी और पोकलैन मशीनों को लगाया गया है, लेकिन कामयाबी मिलती नजर नहीं आ रही है।
वहीं आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा का कहना है कि मलबे में दबे लोगों की तलाश के लिए थर्मल सेंसर डिवाइस देश में कहीं भी मिलती है तो यथाशीघ्र मंगाया जाएगा।