प्रदेश में चल रहे मदरसों को लेकर उत्तराखंड सरकार के द्वारा अपना रुख सख्त अपना लिया गया है । समाज कल्याण एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री चंदन राम दास के अनुसार मदरसों को अंतिम चेतावनी दी गई है कि वे माहभर के भीतर शिक्षा विभाग से मान्यता लेना सुनिश्चित करें, अन्यथा उन्हें बंद करा दिया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की जमीनों की पैमाइश कराकर कब्जों को बलपूर्वक खाली कराया जाएगा।
उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अंतर्गत वर्तमान में राज्य में 419 मदरसे संचालित हैं। इनमें से 192 को सरकार से मदद मिलती है। इस बीच ये बात आई कि जिस उद्देश्य से मदरसों को धनराशि दी जा रही है, उसका सदुपयोग नहीं हो रहा है।
इसे देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में मदरसों का सर्वे कराने का निर्णय लिया था। वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने भी पंजीकृत मदरसों का सर्वे कराने पर जोर दिया। गत 20 सितंबर को अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री चंदन राम दास ने मदरसों की जांच के लिए कमेटी गठित की थी। साथ ही सभी मदरसों को शिक्षा विभाग से मान्यता लेने को कहा था।
कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अधिकांश मदरसे अभी भी मान्यता लेने में दिलचस्पी नहीं ले रहे। ऐसे में मदरसों से पांचवीं पास करने वाले बच्चों को विद्यालयों में अगली कक्षा में प्रवेश मिलने में दिक्कतें आ रही हैं। इस कड़ी में अब मदरसों को अंतिम चेतावनी दी गई है।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने एक प्रश्न पर कहा कि राज्य में वक्फ बोर्ड की जमीनों पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण व कब्जों की शिकायतें हैं। इसे देखते हुए बोर्ड की जमीनों का चिह्नीकरण किया जा रहा है। भूमि की पैमाइश कराकर कब्जों को बलपूर्वक खाली कराने के निर्देश दिए गए हैं।