भाजपा सरकार ने राज्य में ग्राष्मकालीन विधानसभा सत्र गैरसैंण में न कराकर देहरादून में आयोजित कराया, लेकिन अब शीतकालीन सत्र देहरादून में होना चाहिए, लेकिन सरकार फिर भी गैरसैंण में सत्र आयोजित कराने का मन बना रही है। इसी को लेकर विपक्ष ने सरकार पर हमला बोल दिया है।
उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र गैरसैंण में होना है या देहरादून में इसको लेकर 31 अक्टूबर को होनी वाली सर्वदलीय बैठक में फैसला लिया जाएगा। लेकिन सत्र को लेकर राजनीति गरमा गई है, और बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। इस पर कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर गैरसैंण की अनदेखी का आरोप लगाया है।
कांग्रेस पार्टी प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि भाजपा सरकार ने ग्रीष्मकालीन सत्र को गैरसैंण में आयोजित करना था, लेकिन उसने चारधाम यात्रा की आड़ में सत्र को देहरादून में ही कराया। जबकि अब गैरसैंण में हद से ज्यादा सर्दी होती है तब सरकार वाहवाही लूटने के लिए जबरदस्ती वहां शीतकालीन सत्र करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि गैरसैंण में शीकालीन सत्र को लेकर ठीक से कोई इंतजाम नहीं है ऐसे में वहां सत्र करने का साफ मतलब है लोगों को परेशान करना। उन्होंने कहा कि यदि सरकार गैरसैंण में सत्र कराना चाहती है तो पहले वहां सारी व्यवस्थाएं पूरी करें। माहरा ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार से गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण आंदोलन के दौरान गैरसैंण को राजधानी बनाने की बात कही गई थी।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश की भाजपा सरकार विधानसभा सत्र को लेकर जोरदार हमला किया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने एक कूटनीतिक बयान दिया है जिसमें यह कहा गया है कि शीतकालीन सत्र देहरादून में हो या गैरसैंण में इसके लिए सर्व पक्षीय बैठक बुलाई जाएगी।
उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर हमला बोलते हुए उनसे पूछा है कि राजधानी गैरसैंण कब स्थानांतरित करेंगे, उसके लिए सर्वदलीय बैठक का कब आयोजन होगा। इस बात को जानने के लिए उत्तराखंड को उत्सुकता है।