रेस्क्यू ऑपरेशन में घायल बाघिन को मिला नया जीवन, एक सप्ताह में पूरी तरह स्वस्थ

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 रामनगर। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व, रामनगर में एक घायल बाघिन को सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर इलाज और पुनर्वास प्रक्रिया पूरी की गई। बाघिन काफी समय से घायल अवस्था में थी और चलने-फिरने में असमर्थ दिखाई दे रही थी। क्षेत्र में उसका सामान्य रूप से विचरण न कर पाना वन विभाग की टीम के लिए चिंता का विषय बना हुआ था।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक  प्रकाश चंद्र के निर्देश पर प्रशिक्षित रेस्क्यू टीम ने आवश्यक तैयारियों के साथ मौके पर पहुंचकर बाघिन को सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू किया। इसके बाद उसे रामनगर स्थित बेला रेस्क्यू सेंटर लाया गया।

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रेस्क्यू सेंटर में वरिष्ठ पशुचिकित्साधिकारी डॉ. दुष्यंत द्वारा बाघिन की विस्तृत चिकित्सकीय जांच की गई। एक्स-रे और रक्त परीक्षण के माध्यम से उसकी शारीरिक स्थिति का गहन मूल्यांकन किया गया। रिपोर्ट के आधार पर उसे दर्द निवारक दवाएं, एंटीबायोटिक्स और अन्य आवश्यक उपचार प्रदान किया गया।

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इलाज के दौरान बाघिन को पूरी तरह आराम दिया गया और उसके खानपान व व्यवहार की निरंतर निगरानी की गई। लगभग एक सप्ताह के उपचार और देखभाल के बाद बाघिन की हालत में उल्लेखनीय सुधार हुआ और वह पूर्णतः स्वस्थ हो गई।

स्वस्थ होने के उपरांत, 8 मई 2025 को देर शाम बाघिन को उसी क्षेत्र में उसके प्राकृतिक आवास में सुरक्षित रूप से छोड़ दिया गया, जहाँ से उसे रेस्क्यू किया गया था।

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इस पूरे रेस्क्यू, उपचार और पुनर्वास अभियान की सफलता पर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ. साकेत बडोला ने तराई पश्चिमी वन प्रभाग एवं कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम को बधाई दी। उन्होंने टीम की तत्परता, कुशलता और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रयास वन्यजीव संरक्षण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का सशक्त उदाहरण है।

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