उत्तराखंड में पिछले दो महीनों से बारिश न होने के कारण शुष्क मौसम ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। पहाड़ी इलाकों में सूखी ठंड पड़ रही है, जिससे काश्तकारों की फसलें प्रभावित हो रही हैं। किसानों का कहना है कि बारिश के अभाव में उनके गेहूं की फसल की सही वृद्धि नहीं हो पा रही है। इसके साथ ही फलों की पैदावार पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ा है। यदि आने वाले दिनों में बारिश नहीं होती है, तो काश्तकारों की फसलें पूरी तरह से चौपट हो सकती हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, पूरे उत्तराखंड में अगले पांच दिनों तक शुष्क मौसम रहने की संभावना है। हालांकि, रात का तापमान तेजी से गिर रहा है और दिसंबर की पहली तारीख से रात के तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज की जा सकती है। चटक धूप के कारण दिन और रात के तापमान में अंतर भी बढ़ सकता है। इस शुष्क मौसम के कारण किसानों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, और बारिश जैसी कोई स्थिति बनती दिखाई नहीं दे रही है।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, अगले एक सप्ताह तक मौसम शुष्क रहने की संभावना है, वहीं मैदानी क्षेत्रों में कहीं-कहीं कोहरा भी छा सकता है। मानसून के बाद से प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश नहीं हुई है, जिससे मौसम शुष्क बना हुआ है और तापमान लगातार सामान्य से अधिक बना हुआ है। यह स्थिति उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों से लेकर मैदानी इलाकों तक जारी रही है।