उत्तराखंड निकाय चुनाव: बीजेपी में बगावत ने सियासी संकट को बढ़ाया, रामनगर में हलचल

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उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव के लिए सियासी माहौल गर्मा गया है, और राजनीतिक दलों के नेताओं के बगावत करने से उनके लिए मुसीबतें बढ़ गई हैं। नैनीताल जिले के रामनगर में बीजेपी से बगावत करते हुए पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष भगीरथ लाल चौधरी ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन भरा, जिससे राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।

वहीं भाजपा के नरेंद्र शर्मा, भावना भट्ट, भूपेंद्र खाती, ने भी नामांकन पत्र जमा कर भाजपा की मुसीबत बड़ा हैं। भाजपा नेता गणेश रावत भी आज नामांकन जमा करने का शोशल मीडिया मे डाल चुके हैं।

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भगीरथ लाल चौधरी ने कहा, “रामनगर का सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने वालों के खिलाफ मैं चुनावी मैदान में उतरा हूं।” उनका आरोप था कि हाल के दिनों में रामनगर का सौहार्द और भाईचारा खराब करने की कोशिश की जा रही है, और उन्होंने चुनावी मैदान में उतरकर इसका विरोध करने का संकल्प लिया। उन्होंने यह भी कहा कि रामनगर के लोग सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ने वालों के खिलाफ एकजुट होकर उन्हें वोट देंगे।

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रामनगर में बीजेपी के नगर मंडल अध्यक्ष मदन जोशी को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद से ही पार्टी में बगावत की शुरुआत हो गई है। कई नेता जो टिकट से वंचित रह गए हैं, वे निर्दलीय चुनावी मैदान में कूद पड़े हैं, जिससे पार्टी को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बीजेपी हाईकमान की ओर से इन बागी नेताओं को मनाने के प्रयास भी जारी हैं, लेकिन स्थिति को संभालना पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया है।

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उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव के दौरान बगावती उम्मीदवारों का बढ़ता असर राजनीतिक दलों के लिए चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि जिन नेताओं को पार्टी ने टिकट नहीं दिया, वे निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरकर पार्टी के लिए नई समस्याएं खड़ी कर रहे हैं। वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता बगावती उम्मीदवारों को मनाने में जुटे हैं, ताकि चुनावी मुकाबला मजबूती से लड़ा जा सके।