बेहद दुखद-(रामनगर) जिंदगी से जंग हार गया लक्की,पार्थिव शरीर को भारत लाने की तैयारी      

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रामनगर विगत लगभग एक माह से अफ्रीका के चिकित्सालय में जिंदगी से जंग लड़ रहा लक्की आखिरकार जिंदगी से जंग हार गया। रामनगर बंबाघेर निवासी लक्की मेहरोत्रा अफ्रीका के गांबिया में कई वर्षों से नौकरी करता था। विगत एक माह से उसकी तबीयत खराब होने के कारण  उसको गाम्बिया के बांजुल हॉस्पिटल में लक्की को भर्ती कराया गया था।
जहां उसकी किडनी और लिवर डैमेज होने के कारण उसे आईसीयू में भर्ती कर उसका डायलिसिस किया जा रहा था। उधर लक्की को बेहतर इलाज के लिए भारत लाने की तैयारी की जा रही थी। जिसके लिए दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल से भी अनुमति हो गयी थी। और प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तत्काल दिल्ली कमिश्नर से बात कर लक्की को भारत लाने के लिए एयर एंबुलेंस की व्यवस्था के लिए आदेश दे दिए थे।

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उधर शासन प्रशासन लक्की को अफ़्रीका से भारत लाने की तैयारी में जुट गया। लेकिन इसी बीच लक्की  की तबीयत ज्यादा खराब होने के कारण उसकी इलाज के दौरान हॉस्पिटल में ही मौत हो गयी। पुष्टि करते हुए मृतक लक्की के बड़े भाई अवनीश ने अफ्रीका से फ़ोन पर बताया कि विगत शुक्रवार की देर रात उसका निधन हो गया था। अब उसके पार्थिव शरीर को भारत लाने की तैयारी की जा रही है।

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अवनीश ने बताया की प्रदेश सरकार और भारत सरकार की तरफ से लक्की को एयर एंबुलेंस के माध्यम से दिल्ली लाया जायेगा। और उसके बाद उसको रामनगर उसके घर लाया जाएगा। उधर लक्की की मौत की खबर सुनते ही रामनगर उसके परिवार में कोहराम मच गया। लक्की की पत्नी प्रिया मेहरोत्रा का रो-रो कर बुरा हाल है। क्योंकि प्रिया और लक्की के दो नाबालिक बच्चों की आजीविका का सहारा केवल अकेला लक्की ही था। जो अफ्रीका में नोकरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करता था।

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