रामनगर – आज 25 जुलाई को अमर शहीद श्री देव सुमन के 76 वें शहादत दिवस पर समाजवादी लोक मंच के कार्यकर्ताओं द्वारा पैंठ पड़ाव में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में श्रीदेव सुमन को पुष्प अर्पित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि श्रीदेव सुमन का नाम देश के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज है। त्याग व संघर्ष की मिसाल श्रीदेव सुमन से देशवासी बहुत कम परिचित हैं।
श्रीदेव सुमन द्वारा टिहरी रियासत के खिलाफ किए गये संघर्ष ने टिहरी रियासत की चूलें हिला दी थीं। उन्होंने टिहरी जेल में एक बार नहीं, बल्कि दो बार आमरण अनशन किया। दूसरी बार 84 दिनों तक जेल के भीतर आमरण अनशन करते हुए श्रीदेव सुमन ने 25 जुलाई, 1944 को यातनाएँ सहते हुए अपने प्राण त्याग दिये। राजा ने उनके शव को बोरे में भरकर गंगा नदी में फिकवा दिया।
श्रीदेव सुमन प्रजामंडल को पंजीकृत कर उसे राज्य में जनसेवा करने की पूरी छूट दिये जाने आदि मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे थे।
टिहरी की राज सियासत ने जनता के अधिकारों को बुरी तरीके से कुचल कर रख दिया था। लोगों को न बोलने की आजादी थी और न ही लोगों के लिए शिक्षा व रोजगार आदि के अवसर थे। राजा जनता से शादी-विवाह से लेकर पुल पर चलने तक का टैक्स वसूलता था। राजा ने जनता के जंगलों में जाने पर भी रोक लगा दिए थे।
वक्ताओं ने कहा कि आज भी देश में सरकारों द्वारा आम आदमी के अधिकारों को कुचला जा रहा है। जनता के हक में आवाज उठाने पर सरकार अथवा असहमति व्यक्त करने पर लोगों पर राजद्रोह जैसे संगीन मुकदमे लगाकर, उन्हें जेल में डाला जा रहा है। आज देशवासियों को श्रीदेव सुमन से प्रेरणा लेते हुए सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आगे आने की जरूरत है।
कार्यक्रम में किशन शर्मा, मदन मेहता, सरस्वती जोशी, ललिता रावत, ललित उप्रेती, मुकेश, मुनीष कुमार, कैसर राना आदि ने भागीदारी की।