“अरुणा आसफ अली स्मृति पुस्तकालय” खुला….
रामनगर – रचनात्मक शिक्षक मण्डल द्वारा रामनगर,नैनीताल के सामाजिक,आर्थिक,भौगोलिक रूप से पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूली बच्चों के लिए पुस्तकालय ख़ोले जाने की मुहिम में एक और नाम जुड़ गया।शिक्षक मण्डल की टीम द्वारा रामनगर के एक अति पिछड़े वनग्राम चोपड़ा में 9 अगस्त 1942 के आंदोलन की प्रमुख नेत्री रहीं अरुणा आसफ अली के नाम पर यह पुस्तकालय खोला गया है। शिक्षक मण्डल द्वारा प्रेमचंद जयंती(31 जुलाई) से पुस्तकालय खोलने की इस मुहिम के तहत अब तक रामनगर क्षेत्र में 12 पुस्तकालय ख़ोले जा चुके हैं। हर पुस्तकालय की तरह इस पुस्तकालय को स्कूली बच्चे ही संचालित करेंगे।इस मौके पर बच्चों को सम्बोधित करते हुए कार्यक्रम संयोजक नवेंदु मठपाल ने बच्चों को 1942 में हुए भारत छोड़ो आंदोलन के बारे में बताया।उन्होंने कहा 9 अगस्त 1942 को मुंबई के ग्वालिया मैदान में ब्रिटिश फ़ौज को धता बता नवयुवती अरुणा आसफ अली ने तिरंगा लहरा साबित कर दिया कि अंग्रेजों को भारत छोड़ना ही होगा।उन्होंने बताया कि 15 अगस्त तक ग्रामीण क्षेत्रों में 3 और पुस्तकालय खोला जा प्रस्तावित है।इस मौके पर नवेंदु जोशी,गिरीश मेंदोला,
कमला उप्रेती,अनिता रानी,रेनू, हेमंती देवी,ईश्वरी प्रशाद, सचिन,गीता देवी,प्रताप चन्द्र मौजूद रहे।
शिक्षक मण्डल द्वारा संचालित स्कूली बच्चों के व्हाटसअप ग्रुप जश्न ए बचपन में वरिष्ठ इतिहासकार शेखर पाठक द्वारा बच्चों जो 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के बाबत विस्तार से जानकारी दी गयी।पाठक द्वारा उत्तराखण्ड में आजादी के दौरान हुई तमाम गतिविधियों पर बच्चों को विशेष जानकारियां दी गयीं।उन्होंने उत्तराखण्ड के आजादी के प्रमुख आंदोलनकारियों से बच्चों का परिचय भी करवाया।पाठक ने बच्चों द्वारा पूछे गए विभिन्न सवालों का जवाब भी दिया।ग्रुप में नज़नकमत्ता से डॉ कमलेश अटवाल ने भी दृश्य चित्रों की मदद से बच्चों को 1857 के विद्रोह व 2942 के भारत छोड़ो आंदोलन पर गहन जानकारी दी गयी।