सरोवर नगरी के इन स्थलों में खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं छात्राएं

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नैनीताल में जिला प्रशासन के निर्देशानुसार “बालिकाओं द्वारा असुरक्षित स्थानों के चिन्हीकरण” पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला GGIC स्कूल, नैनीताल में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के अंतर्गत आयोजित की गई।

कार्यशाला का उद्देश्य बालिकाओं को अपने आसपास के असुरक्षित स्थानों को चिन्हित करने और उन पर चर्चा करने के लिए प्रोत्साहित करना था। इसमें जनपद के विभिन्न विभागों जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा और परिवीक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। बालिकाओं ने अपनी समस्याओं और असुरक्षित अनुभवों को साझा किया।

संयुक्त मजिस्ट्रेट, नैनीताल, वरुणा अग्रवाल (IAS) ने बालिकाओं को संबोधित करते हुए उन्हें बिना डर के असुरक्षित स्थानों के बारे में बताने के लिए प्रेरित किया और ऐसे स्थानों पर कार्यवाही की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि असामाजिक तत्वों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

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कार्यशाला में अपर निदेशक, प्रशिक्षण  ऋचा सिंह ने बालिकाओं से यह पूछा कि वे किन स्थानों पर असुरक्षित महसूस करती हैं और बताया कि चिन्हित स्थानों पर संबंधित विभागों द्वारा निरंतर कार्यवाही की जा रही है। जिलाधिकारी  ने विभिन्न विभागों के लिए SOP जारी की है, और मुख्य सचिव महोदया ने इन कार्यशालाओं को पूरे राज्य में आयोजित करने के निर्देश दिए हैं।

जिला कार्यक्रम अधिकारी अनुलेखा बिष्ट ने बताया कि हल्द्वानी में इन कार्यशालाओं का सकारात्मक असर देखा जा रहा है। बालिकाओं ने कई असुरक्षित स्थानों को चिन्हित किया, जैसे हरीनगर, मल्लीताल, आलूखेत का फायरिंग एरिया, बस स्टैंड, स्नो व्यू, GGIC स्कूल के गेट के पास, zoo रोड, बूचड़खाना, मुसाफिरखाना, दुर्गापुर, तप्पड़, मॉल रोड के पार्क, जेल कैंपस आदि।

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बालिकाओं ने यह भी बताया कि नैनीताल से हल्द्वानी रूट की बसों में यात्री शराब पीकर चढ़ते हैं और अक्सर छेड़खानी की घटनाएं होती हैं। टैक्सी में भी महिलाएं असुरक्षित महसूस करती हैं, और नशे में लोग छेड़खानी करते हैं। कुछ स्थानों पर नशे और शराब का कारोबार भी चल रहा है।

कार्यशाला में बालिकाओं ने कुछ सुझाव भी दिए जैसे रोडवेज बस स्टैंड का निरीक्षण, CCTV कैमरे, पुलिस पेट्रोलिंग, स्ट्रीट लाइट्स और गश्त बढ़ाने की मांग की। इन सुझावों को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी महोदया के निर्देशानुसार संबंधित विभागों को कार्यवाही करने के लिए कहा जाएगा।

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कार्यशाला में जिला प्रोबेशन कार्यालय से तबस्सुम ने हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी दी, और स्वास्थ्य विभाग की डॉ. दीप्ति धामी ने महिला स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी। इस तरह के लगातार कार्यक्रमों का उद्देश्य एक भयमुक्त वातावरण का निर्माण करना है, जहां बालिकाएं सुरक्षित महसूस करें और बिना किसी डर के कहीं भी आ जा सकें।

कार्यक्रम में शिक्षा विभाग की मेहा शाह, विद्यालय की शिक्षिकाएं, बालिकाएं, बाल विकास अधिकारी शिल्पा जोशी और सुपरवाइजर प्रियंका आर्या भी उपस्थित थीं।

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