रामनगर – महिला एकता मंच द्वारा महिला अधिकार अभियान के तहत रामनगर तहसील परिसर में धरना प्रदर्शन किया गया तथा 8 मार्च,अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने, वृद्धा विधवा परित्यक्ता व विकलांग पेंशन को न्यूनतम ₹5000 मासिक किये जाने,भोजन माता,आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ताओं को न्यूनतम वेतन दिये जाने व उन्हें सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाने तथा रोजगार को मौलिक अधिकार घोषित किये जाने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया।
सभा को संबोधित करते हुए विद्यावती आर्य ने कहना कि 8 मार्च महिलाओं के संघर्ष को याद करने का दिन है।इस दिन को सरकारी अवकाश घोषित न किया जाना सरकारों की पुरुष प्रधान मानसिकता का प्रतीक है।
ललिता रावत ने कहा कि हमारे संविधान में महिलाओं को मिला समानता का अधिकार कानून की किताबों तक सिमट कर रह गया है। वास्तविक बराबरी के लिए हम महिलाओं को संगठित होकर संघर्ष करने की जरूरत है।
सरस्वती जोशी ने बताया कि महिला अधिकार अभियान के तहत 8 मार्च, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को मालधन में भी जुलूस प्रदर्शन आयोजितकिया जाएगा।
धरना-प्रदर्शन में माया,सरस्वती जोशी, शांति देवी, दीपा देवी ,दुर्गा देवी, शीला शर्मा, शाहिस्ता ,भगवती नेगी, अनीता देवी, संतोषी ,लीला जलाल, विमला देवी, शीला शर्मा, प्रभात ध्यानी, मनमोहन अग्रवाल, ललित उपरेती किशन शर्मा ,मुनीष कुमार ,बीडी नैनवाल समेत बड़ी संख्या में महिलाओं ने भागीदारी की। संचालन कौशल्या ने किया।