रामनगर – महिला एकता मंच द्वारा पैठ पड़ाव में एक बैठक का आयोजन कर महिला अधिकार अभियान के अंतर्गत 4 मार्च को तहसील परिसर में विभिन्न मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में मंच की संयोजक ललिता रावत ने कहा कि देश के संविधान में महिलाओं को औपचारिक रूप से बराबरी का अधिकार दिया गया है। परंतु यह अधिकार आज भी मेहनतकश महिलाओं के लिए कागजों तक ही सीमित होकर रह गया है। और आज भी महिलाओं के साथ शोषण,उत्पीड़न व हिंसा आजाद भारत की सच्चाई बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार द्वारा देड़ दर्जन से अधिक राजपत्रित अवकाश घोषित किए गए हैं परंतु महिला दिवस के लिए एक दिन का भी अवकाश घोषित नहीं होता है।
उन्होंने बताया, कि धरना प्रदर्शन के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजकर 8 मार्च को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने, विधवा, वृद्धा, परित्यक्ता व विकलांग पेंशन को न्यूनतम 5 हजार रूपया मासिक किये जाने, आंगनवाड़ी, भोजन माता व आशा वर्कर को न्यूनतम वेतन दिया जाने व देश में सभी को रोजगार की गारंटी देने की मांग को लेकर ज्ञापन भी प्रेषित किया जायेगा।
4 मार्च को तहसील परिसर रामनगर में धरना-प्रदर्शन के बाद 8 मार्च को मालधन में जुलूस-प्रदर्शन व 14 मार्च को प्राइमरी स्कूल, मेहरागांव (डोब) में भी महिला सभा का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
मंच ने महिलाओं तथा क्षेत्र की जनता से कार्यक्रमों में भागीदारी की अपील की है।
बैठक में ललिता रावत, कौशल्या, सरस्वती जोशी, शांति देवी, तुलसी देवी ,दीपा देवी ,दुर्गा देवी, उपस्थित रहे।