रामनगर -विश्व प्रसिद्ध गर्जिया देवी मन्दिर मे कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाला विशाल मेला कोरोना महामारी लेकर इस बार आयोजित नहीं किया गया।हर वर्ष इस पर्व पर यहां पर उत्तराखंड के अलावा उत्तर प्रदेश के भी विभिन्न शहरों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पवित्र कोसी नदी में स्नान करने व मां गर्जिया देवी के दर्शन करने के लिए पहुंचते थे। लेकिन इस बार इस मेले के आयोजन ना होने से श्रद्धालुओं को निराश होकर लौटना पड़ा। वही प्रशासन द्वारा भी कोविड-19 को लेकर मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगाने को लेकर मंदिर के मुख्य गेट के अलावा जगह जगह पर पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था। जानकारी के अनुसार सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गर्जिया देवी मंदिर में कोविड-19 को लेकर मंदिर समिति कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाले मेले को आयोजन न करने का निर्णय लेने के साथ ही प्रशासन को भी इसकी जानकारी दी थी मंदिर समिति द्वारा मेले का आयोजन ना करने के बाद प्रशासन ने भी अपनी तैयारियां शुरू करते हुए इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर आने वाले श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगाने के लिए जगह जगह पर पुलिस बल तैनात किया था। मंदिर मे मेले का आयोजन ना होने से जहां एक और इस बार श्रद्धालुओं की आस्था की डुबकी पर ग्रहण लगा, तो वही मंदिर परिसर में प्रसाद बेचकर अपना व परिवार का भरण पोषण करने वाले दुकानदारों पर भी इसका असर देखने को मिला है। वही जिस दिन यह मेला आयोजित होता है उससे एक दिन पहले ही रात्रि में ही श्रद्धालु मां गर्जिया के दर्शन के लिए मंदिर में रवाना हो जाते थे। लेकिन कोविड-19 के चलते प्रशासन द्वारा मेले के आयोजन को लेकर श्रद्धालुओं को प्रवेश पर लगाई गई रोक के बाद एक भी श्रद्धालु दर्शन के लिए मंदिर तक नहीं पहुंच सके प्रशासन द्वारा की गई चाक-चौबंद व्यवस्था को लेकर कुछ श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे भी थे। लेकिन ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों ने उन्हें मंदिर में जाने से रोक दिया और उन्हें जानकारी देते हुए सहयोग की अपील की तो वहीं श्रद्धालुओं ने भी प्रशासन को अपना पूरा सहयोग दिया और बिना दर्शन किए हुए वापस लौट गए। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मंदिर की तलहटी में बह रही पवित्र कोसी नदी में लाखों श्रद्धालु जहां एक ओर आस्था की डुबकी लगाने के साथ ही मां गर्जिया देवी के दर्शन करने के बाद अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना करते थे। तो वही भारी संख्या में लोग अपने बच्चों का मुंडन संस्कार भी कराते थे। लेकिन इस बार इस सब पर पूरी तरह प्रतिबंध रहा कोतवाल रवि कुमार सैनी ने बताया कि कोविड-19 को लेकर प्रशासन द्वारा यह व्यवस्था की गई है और उन्होंने श्रद्धालुओं द्वारा दिए गए सहयोग पर भी सभी का आभार व्यक्त करते हुए भविष्य में भी सभी से सहयोग की अपील करते हुए सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करने की अपील की है। वही मंदिर के पुजारी मनोज पाण्डे ने बताया कि कोविड-19 के चलते कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पूरी तरह प्रतिबंध तथा सुबह को मंदिर में उनके द्वारा मां गर्जिया देवी की पूजा अर्चना आरती के बाद मंदिर के कपाट पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि मंगलवार से मां गर्जिया देवी के मंदिर के कपाट को पून: श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोला जाएगा।
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