उत्तराखंड में  313. 95 करोड़ से स्थापित होंगे 18200 पॉलीहाउस

ख़बर शेयर करें -

देहरादून। नाबार्ड की आरआईडीएफ योजना के तहत वर्ष 2023-24 में 100 वर्गमीटर के 18200 पॉलीहाउसों की स्थापना की जाएगा। इनके निर्माण व रोपण सामग्री हेतु 313. 95 करोड़ का प्रस्ताव बनाया गया है। यह निर्णय कृषि व कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी की मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक में लिया गया है।

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि उत्तराखण्ड राज्य की भौगोलिक परिस्थिति एवं कृषि जलवायु विभिन्न औद्यानिक फसलों के साथ-साथ सब्जियों व पुष्पों के उत्पादन हेतु अनुकूल है। राज्य की मौसम विविधता के कारण यहां पूरे वर्ष सब्जी एवं पुष्पों की उपलब्धता रहती है। यहां उत्पादित सब्जियां मैदानी क्षेत्रों हेतु बेमौसमी होने के कारण कृषकों को बहुत अच्छा मूल्य प्राप्त होता है। साथ ही पुष्पों की खेती हेतु जलवायु, सुलभ बाजार (दिल्ली, चण्डीगढ़) से नजदीकी के कारण भी अनुकूल है।

यह भी पढ़ें 👉  सरोवर नगरी के इन स्थलों में खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं छात्राएं

मंत्री जोशी ने कहा कि प्रस्ताव के क्रियान्वयन हेतु कृषकों व जनप्रतिनिधियों से एक सप्ताह के अन्तर्गत सुझाव प्राप्त किये जाएंगे और प्रस्ताव में कृषकों द्वारा पॉलीहाउस में उत्पादित फसलों के विपणन, उत्पादन में कठिनाई आदि बिन्दु सुझाव भी सम्मिलित किये जाएंगे। कहा कि एक सप्ताह उपरान्त कृषकों एवं सम्बन्धित स्टेक होर्ल्डस के साथ बैठक आमन्त्रित कर सुझावों के साथ प्रस्ताव को अन्तिम रूप दिया जाएगा। राज्य में आलू उत्पादन मैदानी, तराई एवं पहाड़ी क्षेत्रों में अलग-अलग मौसम, समय पर किया जाता है। वर्तमान में राज्य में आलू लगभग 26867 हैक्टेयर क्षेत्रफल में कर 3. 67 लाख मैट्रिक टन उत्पादन किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड- समाप्ति की ओर पंचायतों का कार्यकाल, परिसीमन में देरी से चुनाव पर संकट

बताया कि उत्तराखण्ड में आलू उत्पादन को बढ़ावा देते हुए विपणन व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु 104.75 करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया गया है। जिस हेतु आवश्यक धनराशि की व्यवस्था उद्यान विभाग के अन्तर्गत संचालित जिला / राज्य सैक्टर बागवानी मिशन, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना व परम्परागत कृषि विकास योजना के साथ-साथ उत्तराखण्ड ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना एवं उत्तराखण्ड मण्डी परिषद से की जायेगी। मंत्री जोशी ने कहा कि राज्य में मैदानी, तराई / भावर एवं पहाड़ी क्षेत्रों में पूर्व से आलू उत्पादन करने वाले क्षेत्रों में कृषकों का चयन कलस्टर आधारित किये जाने हेतु प्रोत्साहित कर आलू उत्पादन कराया जायेगा। मंत्री ने कहा प्रत्येक कलस्टर में कम से कम 30-50 हैक्टेयर क्षेत्रफल आच्छादित किया जायेगा, जिसमें पूर्व से आलू उत्पादित करने वाले कलस्टरों का चयन कर आलू बीज उत्पादन हेतु प्रोत्साहित किया जायेगा। कलस्टर का चयन स्थानीय भौगोलिक परिस्थितियों व कृषि जलवायु की अनुकूलता के आधार पर बीज उत्पादन एवं आलू उत्पादन का कार्य किया जायेगा।

Happy Diwali
Happy Diwali
Happy Diwali
Shubh Diwali