महिलाओं के साथ बढ़ रही हिंसा के सवालों को लेकर नगर पालिका सभागार रामनगर में महिला एकता मंच द्वारा एक संगोष्ठी क आयोजन किया गया।
महिलाओं के साथ हिंसा एवं गैर बराबरी पर चिंता व्यक्त करते हुए दिल्ली से आयीं लेखक व फिल्म निर्माता नीरा जलक्षेत्री ने कहा कि दुनिया की हर तीसरी औरत घरेलू /यौन हिंसा की शिकार हो रही है और हमारे देश में तो हालत और भी खराब हैं। दहेज हत्याएं भारत जैसे देशों में ही देखी जाती हैं, दुनिया के दूसरे मुल्कों में नहीं। संस्कृति के नाम पर भी महिलाओं का ही शोषण होता है। उन्होंने कहा कि लड़के व लड़कियों के पालन-पोषण अलग-अलग ढंग से किया जाता है।
हम लड़कियों के घर से बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगाते हैं और लड़कों को आजादी के देते हैं, यहीं से लड़कियों के साथ गैर बराबरी की शुरुआत हो जाती है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ हिंसा लड़की के भ्रूण के साथ प्रारंभ होकर पूरे जन्म भर किसी न किसी रूप में जारी रहती है और उसकी मृत्यु के साथ ही समाप्त होती है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को जिंदा जलाने की प्रथा होलिका दहन से आई है।
होलिका दहन से प्रभावित होकर समाज में दहेज के लिए महिलाओं को जिंदा जला दिया जाता है। मणिपुर में भीड़ द्वारा महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनकी परेड करना द्रोपदी के चीर हरण की कहानी को अभिव्यक्त करता है। उन्होंने कहा कि हम महिलाएं जब गीत रच सकती है तो हमें अपनी कहानियां भी रचनी चाहिए जो हमें बराबरी और सशक्त बनाने वाली हो।
दिल्ली हाई कोर्ट के अधिवक्ता कमलेश कुमार ने कहा गया कि आज महिलाओं के साथ बढ़ रही हिंसा की जिम्मेदारी सरकार की है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली मोदी सरकार का सांसद बृजभूषण सिंह पहलवान लड़कियों द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने तथा उसकी गिरफ्तारी को लेकर महिलाओं के आंदोलन करने के बावजूद भी गिरफ्तार नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि आज संचार माध्यम जनता को सही सूचनाएं नहीं दे रहे हैं। मणिपुर में महिलाओं को नग्न घुमाने की घटना को जनता तक पहुंचते-पहुंचते 2 माह से भी अधिक का समय लग गया। और सरकार ने भी तब एक्शन लिया जब मामला बहुत ज्यादा तूल पकड़ने लगा।
कार्यक्रम का संचालन ललिता रावत ने किया। प्रभात ध्यानी, महक अंसारी ,पुष्पा चंदोला, रीना सैनी, ललित उप्रेती, मुनीष कुमार, कौशल्या आदि ने भी महिला हिंसा के सवालों को लेकर विचार व्यक्त गए गये।
कार्यक्रम में ग्राम पूछड़ी, कालू सिद्ध, उदयपुर बंदोबस्ती, चैनपुरी, सुंदरखाल, देवीपुर बासीटीला, हिम्मतपुर, कानिया, गौजानी, देवीचौड, मालधन क्षेत्र के चंद्रनगर, गांधीनगर आदि गांवो की महिलाओ द्वारा भागीदारी की गई।


