आखिर क्यों राज्य में एक बार फिर थम सकते हैं बसों के पहिए जानिए वजह

ख़बर शेयर करें -

देश में जिस प्रकार से निजी करण किया जा रहा है और निजी करण की वजह से कितनी सरकारी संस्थान निजी करण की भेंट जड़ चुके हैं अब उत्तराखंड सरकार के द्वारा भी रोडवेज को निजीकरण करने की बड़ी खबर सामने आई है निजीकरण को लेकर उत्तराखंड रोडवेज में कर्मचारियों के द्वारा विरोध प्रदर्शन करना शुरू हो चुका है बता रोडवेज कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने निजीकरण के विरोध में आंदोलन की तैयारी तेज कर दी है। शनिवार को हुई बैठक में आंदोलन की रणनीति बनाई गई। इसके साथ ही मोर्चा के गढ़वाल संयोजक भी बनाए गए। कर्मचारी 31 जनवरी मध्यरात्रि से प्रदेश भर में अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे। इससे प्रदेश में बसों के पहिए थम सकते हैं।

यह भी पढ़ें 👉  बेहद दुखद-उत्तराखंड मे घर की दीवार गिरने से दर्दनाक हादसा, एक ही परिवार के चार लोगों की मृत्यु


गांधी रोड स्थित मंडलीय कार्यालय में शनिवार को हुई बैठक में वक्ताओं ने कहा कि सरकार रोडवेज का निजीकरण करने में तुली है। निगम प्रबंधन कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं है। संविदा और विशेष श्रेणी कर्मचारियों के नियमितिकरण की मांग कई सालों से चल रही हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इससे आक्रोशित कर्मचारियों को एकजुट होकर संयुक्त मोर्चा बनाना पड़ा है।

यह भी पढ़ें 👉  मानसून पूर्व संवेदनशील क्षेत्रों की सफाई और अलर्ट सिस्टम को मजबूत करें: आयुक्त

बताया जा रहा है कि मोर्चा गढ़वाल मंडल में 27 जनवरी को आईएसबीटी में धरना देगा। इसके बाद भी मांगें नहीं मानी जाती है तो 31 जनवरी मध्यरात्रि से प्रदेशभर मैं अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू कर बसों का संचालन बंद किया जाएगा। इस मौके पर हरि सिंह, केपी सिंह, राकेश पेटवाल और जय प्रकाश को संयुक्त मोर्चा का गढ़वाल संयोजक बनाया गया। बैठक में प्रदेश संयोजक दिनेश पंत, रविनंदन कुमार, राम किशन राम, परमजीत आदि मौजूद रहे।

Ad_RCHMCT