नई दिल्ली। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बाद अब मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की रेस से बाहर हो गए हैं। मीडिया से चर्चा में दिग्विजय सिंह ने कहा कि वह नामांकन नहीं भरेंगे। मल्लिकार्जुन खड़गे नामांकन भरेंगे। वह उनके प्रस्तावक बनेंगे। इससे पहले गुरुवार को दिग्विजय सिंह ने नामांकन फॉर्म लिया था और उसे शुक्रवार को जमा करने की बात कही थी।
जानिए….दौड़ से बाहर क्यों हुए दिग्विजय
दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को मीडिया से कहा कि मैंने जीवनभर कांग्रेस के लिए काम किया है और करता रहूंगा। मैं तीन बातों पर कभी समझौता नहीं करता हूं- दलित, आदिवासी और गरीब का पक्ष। दूसरा, सांम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ने वाले से और तीसरा मेरी प्रतिबद्धता कांग्रेस और गांधी परिवार के साथ है। मैंने इससे कभी समझौता नहीं किया। दिग्विजय सिंह के गांधी परिवार के प्रति प्रतिबद्धता वाले बयान से साफ होता है कि संभवत हाईकमान के निर्देश के बाद वह पर्चा भरने से पीछे हट रहे हैं। मीडिया से बातचीत में दिग्विजय सिंह ने कहा खड़गे जी मेरे नेता हैं, मुझसे सीनियर हैं। मैंने गुरुवार को उनसे मुलाकात की। उन्होंने कहा कि मैं फॉर्म दाखिल नहीं करूंगा। इसके बाद ही मैंने नामांकन भरने की बात कही थी। आज मीडिया के माध्यम से उनके फॉर्म भरने की बात का पता चला। मैंने उनसे मुलाकात की। अब उनका इरादा फॉर्म भरने का है। इस वजह से मैं उनका प्रस्तावक बनूंगा।
राजस्थान की सियासत ने बिगाड़ा गणित
राजस्थान में मचे सियासी घमासान के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव रोचक हो गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद मुख्यमंत्री पद छोड़ने को लेकर विधायकों ने इस्तीफा देकर आलाकमान के सामने शर्तें रख दी थीं। इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में दिग्विजय सिंह की एंट्री हो गई। दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को नामांकन फार्म लिया। वहीं, दूसरी तरफ गहलोत ने सोनिया गांधी से मुलाकात कर चुनाव नहीं लड़ने की बात कही।