देहरादून। कॉर्बेट हलचल
पीएम नरेंद्र मोदी से पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की मुलाकात के बाद उत्तराखंड में एक बार फिर सियासी गलियारों में हलचल बढ़ गई है। उत्तराखंड में भर्ती घोटाले के बीच त्रिवेंद्र की भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित वरिष्ठ नेताओं की मुलाकात के बाद अटकलों का बाजार भी काफी गर्म हो गया।
तो क्या मिल सकती है कोई जिम्मेदारी
दिल्ली से लौटने के बाद पूर्व सीएम त्रिवेंद्र काफी खुश भी नजर आ रहे हैं। राजनीतिक सूत्रों की मानें तो त्रिवेंद्र को कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। बताया जा रहा है कि पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने उत्तराखंड में यूकेएसएसएससी (UKSSSC) पेपर लीक, विधानसभा बैकडोर भर्ती आदि भर्ती घोटालों पर सरकार द्वारा की जा रही कार्रवाई के बारे में पीएम मोदी से जानकारी साझा की।
पीएम से 45 मिनट मुलाकात
पीएम मोदी से करीब 45 मिनट की मुलाकात में उत्तराखंड से जुड़े कई अहम मु्द्दों पर अपना फीडबैक भी दिया। बताया कि पीएम मोदी भर्ती घोटाले पर नजर बनाए हुए हैं और उत्तराखंड सरकार से हर अपडेट्स भी ले रहे हैं। हालांकि, त्रिवेंद्र का कहना था कि यह राज्यस्तर का मामला है और उत्तराखंड सरकार इस पर सख्ती से कार्रवाई कर रही है।
भाजपा हाईकमान खुश नहीं!
सूत्रों की बात मानें तो भाजपा हाईकमान भर्ती घोटाले से बिल्कुल भी खुश नजर नहीं आ रहा है। घोटाले पर सरकार की कार्रवाई को देखते हुए हाईकमान आने वाले दिनों में कोई बड़ा कोई बड़ा फैसला ले सकता है। हाईकमान ने घोटाले की जानकारी जुटाने को भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं को दिल्ली भी तलब कर चुकी है।
पूर्व स्पीकर अग्रवाल ने भी कराई है किरकिरी
भाजपा नेता प्रेमचंद अग्रवाल ने स्पीकर रहते आचार संहिता से ऐन पहले जनवरी में भर्तियों की तैयारी कर ली थी। उन्होंने 72 लोगों को विधानसभा में नियुक्तियां दीं। लेकिन वित्त के पेच के चलते वेतन का संकट खड़ा हो गया था। भाजपा सरकार के दूसरे कार्यकाल में वित्त मंत्री का भी दायित्व मिलते ही सबसे पहले उन्होंने उक्त फाइल को मंजूरी दी। अब ये भर्तियां उनके गले की फांस बन चुकी हैं।